देश में बेरोजगारी पर नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के कथित आंकड़ों पर आधारित मीडिया रिपोर्ट के सामने आने के बाद मचे घमासान के बीच नीति आयोग (NITI Aayog) के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने गुरुवार शाम को कहा कि सरकार ने आंकड़े (जॉब्स पर) रिलीज नहीं किया है और यह अभी प्रक्रिया में है. जब आंकड़े तैयार हो जाएंगे तो हम इसे जारी करेंगे. उन्होंने कहा कि आंकड़े जुटाने का तरीका अब अलग है. आंकड़े के दो सेटों में तुलना करना सही नहीं है. यह आंकड़े प्रमाणित नहीं है. इस रिपोर्ट को फाइनल के तौर पर मानना सही नहीं है.
NITI Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar: Government did not release the data (on jobs) as it is still being processed. When the data is ready we will release it. pic.twitter.com/2aO9uFxKUu
— ANI (@ANI) January 31, 2019
NITI Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar: Data collection method is different now, we are using a computer assisted personal interviewee in the new survey. It is not right to compare the two data sets, this data is not verified. It is not correct to use this report as final. pic.twitter.com/AVUuD0wYDZ
— ANI (@ANI) January 31, 2019
गौरतलब है कि देश में बेरोजगारी पर नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के कथित आंकड़ों पर आधारित मीडिया रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था. प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बिना राहुल गांधी ने कहा कि एक नेता ने हमें एक साल पहले दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था. लेकिन 5 साल बाद, उनके लीक हुए जॉब क्रिएशन रिपोर्ट कार्ड से राष्ट्रीय आपदा का पता चल गया है. 45 साल में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है. 2017-18 में सिर्फ 6.5 करोड़ युवा बेरोजगार हैं. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर तेज हुई रार, कांग्रेस को 15 सीटें देने से RJD ने किया इनकार- सूत्र
इससे पहले कांग्रेस ने तत्काल बेरोजगारी से जुड़ी रिपोर्ट जारी करने की मांग की थी. कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘सरकार तत्काल बेरोजगारी से जुड़ी वह रिपोर्ट जारी करे जिसे उसने अपने पास रोक रखा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट और इसे तैयार करने वाले आयोग का ताल्लुक भारत की जनता से है, न कि किसी राजनीतिक दल से. इसका कोई मतलब नहीं है कि सरकार इस रिपोर्ट को सिर्फ इसलिए जारी नहीं करे कि इसके तथ्य उसके मुताबिक नहीं है.’’
सोमवार को इसके अध्यक्ष समेत दो सदस्यों ने यह कहते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया कि उनके जीडीपी से संबंधित आंकड़े को लागू करने में देरी हो रही है और उनके महत्वपूर्ण मामलों को दरकिनार किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनएससी के अध्यक्ष का पद संभाल रहे पी.सी. मोहनन और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स के प्रोफेसर जी.वी. मिनाक्षी ने सोमवार को सांख्यिकी मंत्रालय को अपना इस्तीफा भेज दिया था. दोनों सदस्य आयोग की मंजूरी के बावजूद नए आर्थिक आंकड़े जारी करने और रोजगार-बेरोजगारी रिपोर्ट को प्रकाशित करने में देरी की वजह से नाखुश थे.