ओडिशा में टूटा सबसे महंगे चालान का रिकॉर्ड, नियमों की धज्जियां उड़ा रहे ट्रक मालिक पर ठोका 6 लाख 53 हजार का जुर्माना
ट्रक मालिक पर लगा साढ़े छह लाख का जुर्माना (File Photo)

भुवनेश्वर: नया मोटर व्‍हीकल एक्‍ट (New Motor Vehicle Act) के लागू हो जाने के बाद ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules) का उल्लंघन करने वालो की अब खैर नहीं है. कई राज्यों से भारी-भरकम रकम वाले चालान की खबरें सामने आ रही हैं. इस बीच ओडिशा (Odisha) के संबलपुर (Sambalpur) से अब तक के सबसे ज्‍यादा राशि के चालान का एक मामला सामने आया है. जहां ट्रैफिक नियम तोड़ने पर एक ट्रक मालिक पर 6 लाख 53 हजार 100 रुपये का जुर्माना ठोका गया है.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक ओडिशा के संबलपुर में नागालैंड के एक ट्रक मालिक पर 6 लाख 53 हजार 100 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. 10 अगस्त 2014 से सितंबर 2019 तक बिना जरुरी टैक्स दिए और बिना परमिट सहित अन्य अपराधों के लिए 10 अगस्त को चालान जारी किया गया था.

खबरों की मानें तो यह ट्रक पिछले कई सालों से बिना कोई टैक्स भरे और परमिट लिए सडकों पर दौड़ रहा था. इसके साथ ही परिवहन विभाग ने ट्रक मालिक को जनरल ऑफेंस, हवा और ध्वनि प्रदूषण के मानकों का उल्लंघन, इंश्योरेंस समेत कई ट्रैफिक नियमों का दोषी पाया.

इससे पहले 2 लाख 500 रुपये का सबसे बड़ा चालान दिल्ली में काटा गया था. जहां राम किशन नाम के ट्रक ड्राइवर ने ओवरलोडिंग के मामले में पकड़े जाने के बाद जुर्माने के तौर पर 2 लाख 5 सौ रुपये भरे. इससे कुछ ही दिन पहले राजस्थान निवासी भगवान राम को ट्रक में ओवरलोडिंग के चलते 1,41,700 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा था.

गौरतलब हो कि संशोधित मोटर वाहन कानून के प्रभावी होने के बाद से देश के कई राज्यों में पहले ही दिन से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. केवल दिल्ली में पहले दिन 3,900 चालान काटे गए थे. इनमें नशे में गाड़ी चलाने के 45 मामले हैं और लापरवाही से वाहन चलाने के 557 मामले शामिल हैं.

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संसद ने जुलाई में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया था, जो सड़क सुरक्षा नियमों को कड़ा करने का प्रयास है. सड़क सुरक्षा में सुधार के प्रयास के तहत इस कानून में यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है और जुर्माने एवं चालान की राशि काफी बढ़ा दी गई है. यह कानून एक सितंबर से पूरे देश में लागू हो गया है, हालांकि कुछ राज्यों ने जुर्माने की राशि को लेकर आपत्ति जताते हुए इसे लागू करने से मना कर दिया है.