Paryushan 2025 Start & & Date: कब शुरू हो रहा है जैन पर्युषण पर्व? जानें दस दिन दस संकल्प के बारे में विस्तार से!

   जैन समुदाय के लिए पर्युषण पर्व का विशेष महत्व है, यह भगवान महावीर के मूल सिद्धांत आत्मा की शुद्धिअहिंसाऔर संयम का संदेश देता है. यहां पर्युषण का आशय आत्मचिंतन से है, यानी यह पर्व हमें बुरी सोच एवं गलत आदतों से दूर रहने के लिए प्रेरित करता है. इस दिन भारी संख्या में जैन समुदाय अपने मन में व्याप्त सभी बुरे विचारों को दूर करने का संकल्प लेते हैं. अमूमन यह पर्व श्वेतांबर संप्रदाय में 8 दिन का पर्व होता है और दिगंबर संप्रदाय 10 दिनों तक इस पर्व को मनाते हैं. इस वर्ष पर्युषण पर्व 22 अगस्त 2025 से शुरू होकर 29 अगस्त 2025 तक मनाया जाएगा.

पर्युषण पर्व का महत्व

प्रथम दिवसः इस क्रमशः दिन इस बात पर विशेष ध्यान रखा जाता है कि हम अपने भीतर के क्रोध को उत्पन्न ही नहीं होने दें. अगर किसी पर क्रोध उत्पन्न होता है तो धैर्यपूर्वक उसे नजरंदाज करें. यह भी पढ़ें : Krishna Janmashtami 2025: नंद के घर ‘आनंद’ बन आए कान्हा, कृष्ण मंदिरों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

द्वितीय दिवसः इस दिन व्यक्ति विशेष को अपने व्यवहार में मधुरता और पवित्रता लाने की कोशिश करनी चाहिए. किसी के भी प्रति घृणा अथवा तिरस्कारी की भावना नहीं रखनी चाहिए.

तृतीय दिवसः तीसरे दिन इस बात पर मनन करना चाहिए कि अगर आपने किसी से कुछ वादा किया है तो से किसी भी कीमत पर पूरी करें. लक्ष्य की साधना करने से यह कार्य आसान हो जाता है

चतुर्थ दिवसः चौथे दिन मौन रहें अथवा कम से कम बोलें, अपनी वाणी पर संयम और नियंत्रण रखकर कुछ भी कहने का प्रयास करें.

पंचम दिवसः कोई भी चीज कितनी भी कीमती अथवा महत्वपूर्ण क्यों ना हो, उसके प्रति लालच का भाव मन में पैदा नहीं होने दें. इस तरह जीवन को निस्वार्थ भावना जी सकेंगे.

षष्ठी दिवसः पर्युषण के छठवें दिन तन और मन पर नियंत्रण रखते हुए किसी भी कार्य के प्रति संयम और धैर्य बरतें.

सप्तमी दिवसः इस दिन मन में विचर रहे नकारात्मक सोच-विचारों से मुक्ति पाने के लिए आत्म संयम और तप का सहारा लें.

अष्टमी दिवसः आठवें दिन जरूरतमंदों अथवा गरीबों को उनकी जरूरत के अनुरूप ज्ञान, वस्त्र, भोजन आदि का दान करें.

नवमी दिवसः कितनी भी कीमती अथवा जरूरत की वस्तु हो, उसे प्राप्त करने के लिए किसी भी तरह के स्वार्थ से बचे. जीवन को निस्वार्थ भाव से जीने का संकल्प लें. सब कुछ आसान हो जाएगा.

दसवीं तिथिः इस दिन ज्यादा से ज्यादा अच्छी बातों, अच्छे गुणों को आत्मसात कर तन और मन को पवित्र रखने की कोशिश करें.