अमेरिका में इन दिनों राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग 'ट्रंप टेकओवर' यानी 'ट्रंप का कब्जा' के नारे के साथ सड़कों पर हैं. एक तरफ ट्रंप दुनिया के मुद्दों को सुलझाने का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनके अपने ही देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए हैं. आइए समझते हैं कि आखिर अपने ही देश में ट्रंप का इतना विरोध क्यों हो रहा है.
असली वजह: चुनावी नक्शा बदलने का आरोप
इस पूरे विरोध की सबसे बड़ी वजह टेक्सास राज्य से जुड़ी है. आरोप है कि ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी वहां चुनावी इलाकों की सीमाओं को अपने फायदे के लिए बदलवाना चाहते हैं. इसे 'चुनावी नक्शा बदलना' या 'परिसीमन' (Delimitation) कहते हैं.
इसका सीधा मतलब है कि वे चुनावी क्षेत्रों को इस तरह से काटना-छांटना चाहते हैं कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार आसानी से जीत जाएं, भले ही उन्हें दूसरी पार्टी के मुकाबले कुल वोट कम मिलें. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह चुनाव में धांधली करने जैसा है.
ह्यूस्टन में एक प्रदर्शनकारी जैकी एंडरसन ने कहा, "हम बिलकुल नहीं चाहते कि राष्ट्रपति हमारे राज्य पर कब्जा कर लें और हमारे प्रतिनिधियों का इस्तेमाल करके चुनाव में धांधली करें. हम एक सच्चा लोकतंत्र चाहते हैं."
कितना बड़ा है ये विरोध प्रदर्शन?
यह प्रदर्शन किसी एक शहर में नहीं, बल्कि अमेरिका के कम से कम 34 राज्यों में फैल गया है. सबसे बड़ा विरोध टेक्सास की राजधानी ऑस्टिन में हो रहा है. अगर ट्रंप और उनकी पार्टी इसमें कामयाब हो जाती है, तो उन्हें कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में सीधे-सीधे 5 सीटों का फायदा हो सकता है.
यह विरोध सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं है. इंडिविज़िबल, मूवऑन और प्लान्ड पेरेंटहुड जैसे बड़े कार्यकर्ता समूह भी इसमें शामिल होकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं.
डेमोक्रेट्स ने क्या किया?
रिपब्लिकन पार्टी के इस प्लान को रोकने के लिए टेक्सास के डेमोक्रेट्स ने एक अनोखा तरीका अपनाया. वे सब के सब राज्य छोड़कर ही चले गए, ताकि सदन में जरूरी संख्या में सदस्य (कोरम) ही मौजूद न हों और इस नए नक्शे पर वोटिंग न हो सके.
इसके जवाब में, कैलिफोर्निया के डेमोक्रेटिक गवर्नर गेविन न्यूसम भी अपने राज्य में ऐसा ही करने की सोच रहे हैं, ताकि रिपब्लिकन को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जा सके.
'यह सिर्फ टेक्सास की नहीं, लोकतंत्र की लड़ाई है'
प्रदर्शन में शामिल संगठनों का कहना है कि ट्रंप जानते हैं कि वे अपने विचारों के दम पर नहीं जीत सकते, इसलिए वे सिस्टम को तोड़-मरोड़कर सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं.
एक आयोजक ने कहा, "यह लड़ाई टेक्सास में शुरू हुई, लेकिन यहीं खत्म नहीं होगी. यह सिर्फ कुछ सीटों का मामला नहीं है, बल्कि यह अमेरिका के लोकतंत्र के भविष्य की लड़ाई है." उनका मानना है कि तानाशाही सोच के खिलाफ लगातार दबाव बनाए रखना जरूरी है, चाहे प्रदर्शन छोटे हों या बड़े.













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