
Where Was Chicken Manchurian Invented? भारतीय रसोई में ‘चाइनीज’ कहे जाने वाले व्यंजनों की बात हो और उसमें चिकन मंचूरियन का नाम न आए, यह तो नामुमकिन है. हर नुक्कड़ के रेस्टोरेंट से लेकर 5-स्टार होटलों तक, यह डिश लोगों की पसंदीदा बनी हुई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह फेमस डिश असल में चीन की नहीं, बल्कि भारत में ही बनाई गई थी?
चिकन मंचूरियन का आविष्कार कहां हुआ था? (Chicken Manchurian Pahli Baar Kaha Bana Tha)
यह स्वादिष्ट डिश सबसे पहले 1975 में मुंबई (तब की बॉम्बे) के एक रेस्टोरेंट में बनी थी. इसके जनक माने जाते हैं मशहूर शेफ नेल्सन वांग, जो कोलकाता में जन्मे चीनी मूल के भारतीय थे. वे मुंबई के 'चाइनाज पिकनिक' नाम के रेस्टोरेंट में काम कर रहे थे.
एक दिन एक ग्राहक ने कुछ नया और चटपटा ऑर्डर किया, जो न तो पूरी तरह भारतीय हो और न ही पारंपरिक चाइनीज. शेफ वांग ने इस चुनौती को स्वीकार किया और प्रयोग करते हुए कुछ भारतीय मसालों जैसे कि लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, सोया सॉस और कॉर्न फ्लोर के साथ फ्राइड चिकन को मिला दिया. बस यहीं से जन्म हुआ 'चिकन मंचूरियन' का.
नाम तो मंचूरियन, पर मंचूरिया से कोई वास्ता नहीं
‘मंचूरियन’ नाम सुनते ही लगता है कि डिश का संबंध चीन के मंचूरिया प्रांत से होगा, लेकिन हकीकत में इसका उस क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है. यह नाम केवल डिश को "चाइनीज" फील देने के लिए रखा गया था. इसे हम एक इंडो-चाइनीज फ्यूजन डिश कह सकते हैं, जो भारतीय स्वाद और चीनी तकनीक का मेल है.
चिकन मंचूरियन इतना लोकप्रिय क्यों है?
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तीखा, चटपटा और मसालेदार स्वाद
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ग्रेवी और ड्राई – दोनों रूपों में मिलता है
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भारतीय स्वाद के करीब होने के कारण हर आयु वर्ग को भाता है
चिकन मंचूरियन भले ही चाइनीज मेन्यू का हिस्सा लगता हो, लेकिन इसकी जड़ें पूरी तरह भारतीय हैं. यह डिश उस रचनात्मकता और जुगाड़ की मिसाल है जो भारतीय रसोई में देखने को मिलती है.
अब जब अगली बार आप चिकन मंचूरियन खाएं, तो याद रखें – यह एक देसी खोज है, जो चीन की नहीं, बल्कि भारत की देन है.