भारतीय वायुसेना के पायलट और अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रचते हुए ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) पर कदम रखा है. वे Axiom-4 मिशन का हिस्सा हैं और इस ऐतिहासिक मिशन के माध्यम से वे ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. अंतरिक्ष स्टेशन से अपने पहले संदेश में शुभांशु ने कहा, "यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं धरती को इस नजरिए से देख पा रहा हूं और भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं."
शुभांशु शुक्ला 39 वर्षीय IAF पायलट हैं और भविष्य के गगनयान मिशन 2027 के लिए एक महत्वपूर्ण चेहरा माने जा रहे हैं. वे Axiom-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसे स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. यह मिशन न केवल भारत के लिए, बल्कि पोलैंड और हंगरी के लिए भी ऐतिहासिक है.
नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन ने शुभांशु को आधिकारिक रूप से "Astronaut No. 634" का दर्जा देते हुए पिन प्रदान की. साथ ही पोलैंड के स्लावोश उज्नान्स्की (No. 635) और हंगरी के टिबोर कापू (No. 636) को भी सम्मानित किया गया.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे शुभांशु शुक्ला
WATCH | #AxiomMission4 crew - Mission Commander Peggy Whitson (US), Mission pilot #ShubhanshuShukla (India) and Mission Specialists Tibor Kapu (Hungary) and Slawosz Uznanski-Wisniewski (Poland) enters the International Space Station (ISS).
(Video: NASA via Reuters) pic.twitter.com/rIEHgdu277
— ANI (@ANI) June 26, 2025
अंतरिक्ष से भारतवासियों को शुभकामना संदेश
शुभांशु ने हिंदी में भारतवासियों को संबोधित करते हुए कहा, "यह आसान नहीं है, लेकिन आपके आशीर्वाद से मैं सुरक्षित पहुंचा हूं. सिर में दर्द है, पर हम इसे सह लेंगे. अगले 14 दिन हम यहां वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. ये भारत के लिए ऐतिहासिक है. मैं अपने कंधे पर तिरंगा लेकर चल रहा हूं और महसूस करता हूं कि पूरा देश मेरे साथ है."
विज्ञान, शोध और मानवता की दिशा में नया कदम
Ax-4 मिशन पर अंतरिक्ष यात्री 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं मांसपेशियों की पुनरुत्पत्ति (muscle regeneration), जलजीवों की अंतरिक्ष में जीवित रहने की क्षमता, डिजिटल इंटरफेस टेस्टिंग, सूक्ष्म-शैवाल पर शोध. ये सभी प्रयोग NASA, ISRO और Axiom Space के संयुक्त प्रयास से तैयार किए गए हैं.
लखनऊ में जश्न, माता-पिता हुए भावुक
लखनऊ में शुभांशु के माता-पिता ने इस ऐतिहासिक पल पर सभी भारतीयों को धन्यवाद कहा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके घर जाकर बधाई दी. लखनऊवासियों ने गर्व के साथ जश्न मनाया क्योंकि पहली बार उनके शहर का कोई बेटा अंतरिक्ष में पहुंचा है.
1984 के बाद अब 2025: भारत की वापसी अंतरिक्ष स्टेशन पर
राकेश शर्मा के बाद यह पहला मौका है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS पर पहुंचा है. यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है, जो देश को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित करता है. शुभांशु शुक्ला का यह मिशन सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की वैश्विक वापसी का प्रतीक है. अगली 14 दिनों में होने वाले प्रयोग इस मिशन को और भी खास बना देंगे.













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