नई दिल्ली: केंद्रीय संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को बताया की सरकार बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) और एमटीएनएल (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) को बंद करने पर कोई विचार नहीं कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि घाटे से जूझ रहे बीएसएनएल और एमटीएनएल को फिर से मजबूत स्थिति में लाने के लिए रिवाइवल प्लान तैयार किया गया है. जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में हुए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि न तो एमटीएनएल या बीएसएनएल को बंद किया जा रहा है, न ही विनिवेश किया जा रहा है और ना ही किसी तीसरे पक्ष को काम सौंपा जाएगा. बीएसएनएल और एमटीएनएल का सैद्धांतिक विलय (मर्जर) किया जाएगा. साथ ही कर्मचारियों के लिए आकर्षक वीआरएस (VRS) पैकेज पेश किया जाएगा. जबकि टेलीकॉम PSE (पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) को 4जी का स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा.
Union Cabinet approves revival plan of BSNL (Bharat Sanchar Nigam Limited)&MTNL (Mahanagar Telephone Nigam Limited)&in-principle merger of the two. Spectrum of 4G to be allocated to Telecom PSEs (Public Sector Enterprises).VRS (voluntary retirement scheme) packages to be offered. https://t.co/KluEorlN9A
— ANI (@ANI) October 23, 2019
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बीएसएनएल, एमटीएनएल को पटरी पर लाने के लिये 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बांड, 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के मौद्रीकरण और कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई. फिलहाल दोनों कंपनियां घाटे में चल रही हैं.
उल्लेखनीय है कि भारी घाटा और प्रतिस्पर्धा के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के दूरसंचार क्षेत्र में विलय की मांग पहले ही उठ रही थी. जिससे सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनियों को कायम रखा जा सके. बीएसएनएल का 2018-19 में अनुमानित घाटा 14,000 करोड़ रुपये है. कंपनी के पास 1.65 लाख कर्मचारी हैं और उनकी लागत कंपनी की कुल आय का 75 प्रतिशत बैठती है. एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में टेलीफोन सेवा मुहैया कराती है, जबकि बीएसएनएल बाकी सभी सर्किल में मौजूद है.