बीएसएनएल (BSNL) की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 54 हजार कर्मचारियों को बाहर निकालने की तैयारी से जुड़ी खबर को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी के अपने ‘पूंजीपती मित्रों’ की कंपनियों को फायदा पहुंचाने के कारण बीएसएनएल एवं एमटीएनएल बंद होने की कगार पर पहुंच गईं हैं.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''बीएसएनएल व एमटीएनएल किसकी टेलीफोन कंपनी हैं- देश के 130 करोड़ लोगों की. सरकारी बीएसएनएल और एमटीएनएल का किया बंटाधार, दोनों कंपनिया घाटे में डूबी, बीएसएनएल में 54,000 नौकरियां जाएंगी,एमटीएनएल बंद होने की कगार पर." उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी जी ने पूंजीपती मित्रों की कंपनिया बढ़ाई,बीएसएनएल व एमटीएनएल बंद होने की कगार पर आई. ''
BSNL व MTNL किसकी टेलीफ़ोन कम्पनी हैं-
देश के 130 करोड़ लोगों की।
सरकारी BSNL व MTNL का किया बंटाधार,
दोनों कंपनिया घाटे में डूबी,
BSNL में 54,000 नौकरियाँ जाएँगी,
MTNL बंद होने की कगार पर।
मोदी जी ने पूँजीपत्ती मित्रों की कंपनिया बढ़ाई,
BSNL व MTNL बंद होने की कगार पर आई। pic.twitter.com/UpVTOpd7iF
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 4, 2019
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कंपनी बोर्ड ने मार्च की बैठक में सरकार द्वारा स्थापित एक विशेषज्ञ पैनल के दस में से तीन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. वहीं टेलीकॉम डिपार्टमेंट (डीओटी) नहीं चाहता कि चुनाव से पहले कर्मचारियों की छंटनी हो.
कंपनी बोर्ड द्वारा जिन तीन प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है, उसमें सेवानिवृत्ति की वर्तमान आयु को 60 से घटाकर 58 वर्ष करना, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस), जिमसें 50 साल और उससे अधिक के सभी कर्मचारी शामिल हैं और बीएसएनएल को 4 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में तेजी ला रहे हैं.