कनाडा के नेपीअन क्षेत्र से भारतीय मूल के सांसद चंद्रा आर्य ने आधिकारिक रूप से कनाडा के प्रधानमंत्री पद के चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की है. उन्होंने नामांकन दाखिल किया और संसद में कन्नड़ भाषा में भाषण दिया, जो उनकी भारतीय जड़ों का प्रतीक है.
चंद्रा आर्य कर्नाटका के तुमकुर जिले के निवासी हैं और धारवाड़ से MBA की पढ़ाई करने के बाद कनाडा चले गए थे. इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने घोषणा की थी कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री पद के लिए चुनावी मैदान में उतर रहे हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में अपने इस्तीफे का ऐलान किया था, हालांकि उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि वह एक नए नेता के चयन तक पद पर बने रहेंगे. 13 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर ट्रूडो ने लिखा था, "हमारे देश के सामने संरचनात्मक समस्याएँ हैं, जिन्हें सख्त समाधान की आवश्यकता है. हमें अपने बच्चों और पोते-पोतियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए साहसिक राजनीतिक निर्णय लेने होंगे."
चंद्रा आर्य, जो खालिस्तानी समर्थकों की इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने की निंदा कर रहे हैं और कनाडा में हिंदू मंदिरों के अपमान की आलोचना कर रहे हैं, ने पहले ही यह घोषणा कर दी है कि वह लिबरल पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव लड़ेंगे. उनका अभियान कनाडा को "संप्रभु गणराज्य" बनाने के लिए होगा, जिसमें साहसिक राजनीतिक निर्णय अनिवार्य होंगे, न कि विकल्प.
🚨 Kannada in Canada !!
Canadian MP Chandra Arya officially enters the race to become Canada's next Prime Minister and speaks in Kannada after filing his nomination. pic.twitter.com/KicFGn7Hk8
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) January 18, 2025
आर्य ने X पर लिखा, "मैं कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए मैदान में हूं, ताकि एक छोटा और अधिक प्रभावी सरकार बना सकें, जिससे हमारे देश को फिर से बनाया जा सके और आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित की जा सके."
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन्हें भारत के असली समर्थक के रूप में संबोधित किया था. आर्या ने आगे लिखा, "हम संरचनात्मक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जो पिछले कई दशकों से नहीं देखी गई हैं और इनका समाधान करने के लिए सख्त फैसले लेने होंगे. मैं हमेशा कनाडाई लोगों के लिए जो सबसे अच्छा है, उसके लिए काम करता रहा हूं, और हमारे बच्चों और पोते-पोतियों के भले के लिए, हमें ऐसे साहसिक फैसले लेने होंगे, जो पूरी तरह से जरूरी हैं."
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कनाडा "एक आदर्श तूफान" का सामना कर रहा है, जहां युवा पीढ़ी को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है और कामकाजी मध्यवर्ग आज संघर्ष कर रहा है. आर्या ने कहा कि "कनाडा एक ऐसा नेतृत्व चाहता है, जो बड़े फैसले लेने से डरता न हो. फैसले जो हमारी अर्थव्यवस्था को फिर से बनाए, आशा को पुनः स्थापित करें, सभी कनाडाईयों के लिए समान अवसर पैदा करें, और हमारे बच्चों और पोते-पोतियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करें. साहसिक राजनीतिक निर्णय अब विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता हैं."
चंद्रा आर्य ने यह भी कहा कि भारत कनाडा के निर्यात और निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण और बढ़ता हुआ बाजार है, जो "हमारी महत्वपूर्ण प्रतिभा की जरूरतों को पूरा करता है."
उन्होंने यह भी कहा कि वह "विवेक और व्यावहारिकता" को अपने मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में लेकर कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आ रहे हैं.












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