लखनऊ में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल उत्पादन इकाई का उद्घाटन करेंगे. यह इकाई उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) का हिस्सा है. पहले रक्षा मंत्री को लखनऊ आने का कार्यक्रम था, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते यह दौरा रद्द कर दिया गया. उद्घाटन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौके पर मौजूद रहेंगे.
ब्रह्मोस यूनिट से रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
यह नई इकाई भारत में स्वदेशी रक्षा उत्पादन को मजबूती देगी. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दुनिया की सबसे तेज मिसाइलों में से एक है, जिसकी रेंज 290 से 400 किलोमीटर तक है और यह मैक 2.8 की रफ्तार से लक्ष्य भेदने में सक्षम है. यह मिसाइल भूमि, समुद्र और वायु से दागी जा सकती है और 'फायर एंड फॉरगेट' प्रणाली पर काम करती है, जिससे दुश्मन के लिए इसे इंटरसेप्ट करना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस की साझा परियोजना है. इस इकाई के अलावा, ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी का भी उद्घाटन किया जाएगा, जो मिसाइलों की टेस्टिंग और असेंबली में अहम भूमिका निभाएगी.
At around 11.00 AM today, 11th May, Raksha Mantri Shri @rajnathsingh will
virtually inaugurate the BrahMos Aerospace Integration and Testing Facility in Lucknow.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) May 11, 2025
टाइटेनियम और सुपर अलॉय मटेरियल्स प्लांट का उद्घाटन भी
इस मौके पर लखनऊ में एक और महत्वपूर्ण संयंत्र — स्ट्रैटेजिक मटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स — का भी उद्घाटन किया जाएगा. यह संयंत्र टाइटेनियम और अन्य सुपर अलॉय का निर्माण करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान जैसे अंतरिक्ष अभियानों और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा. इसके साथ ही रक्षा परीक्षण आधारभूत ढांचा प्रणाली (DTIS) की आधारशिला भी रखी जाएगी, जो भविष्य में रक्षा उत्पादों की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन में मदद करेगी.
बढ़ेगा उत्तर प्रदेश में निवेश और रोज़गार
ब्रह्मोस यूनिट लखनऊ में राज्य सरकार द्वारा आवंटित 80 हेक्टेयर ज़मीन पर लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है और इसे मात्र साढ़े तीन वर्षों में पूरा किया गया है. उत्तर प्रदेश तमिलनाडु के बाद दूसरा राज्य है, जहां रक्षा औद्योगिक कॉरिडोर स्थापित किया गया है. इस कॉरिडोर के तहत लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट में रक्षा निर्माण के लिए निवेश किए जा रहे हैं.
लॉजिस्टिक्स और निर्यात के लिए आदर्श स्थान
यूपी डिफेंस कॉरिडोर के सभी नोड्स प्रमुख एक्सप्रेसवे जैसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे के पास स्थित हैं, जिससे कच्चे माल और तैयार उत्पादों के परिवहन में आसानी होगी. यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) द्वारा विकसित किया जा रहा है और यह भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी को भी मजबूती देगा.
समारोह में दिखाई जाएंगी प्रेरणादायक फिल्में
उद्घाटन समारोह के दौरान ब्रह्मोस एयरोस्पेस, एयरो अलॉय टेक्नोलॉजी और डिफेंस कॉरिडोर से जुड़ी लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाएगा. DRDO सचिव डॉ. समीर वी. कामत स्वागत भाषण देंगे, जबकि PTC इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सचिन अग्रवाल कंपनी के योगदान पर प्रकाश डालेंगे.
लखनऊ में ब्रह्मोस उत्पादन इकाई का उद्घाटन न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है. यह परियोजना भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है, जो रक्षा उत्पादों के आयात पर निर्भरता को कम करेगा, नई तकनीक को प्रोत्साहित करेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा.













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