Zelensky India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बाद अब खबर है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी अगले महीने भारत आ सकते हैं. हालांकि उनकी यात्रा की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच बीते कई हफ्तों से लगातार बातचीत चल रही है. यह पहला मौका होगा जब जेलेंस्की भारत आएंगे.
भारत की बैलेंस्ड कूटनीति फिर चर्चा में
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने हमेशा दोनों पक्षों के साथ संतुलन बनाए रखने की नीति अपनाई है. साल 2024 में भी प्रधानमंत्री मोदी पहले मॉस्को गए थे और फिर कुछ ही हफ्तों बाद कीव जाकर जेलेंस्की से मिले थे. विदेश नीति के जानकार मानते हैं कि भारत की यही शांतिपूर्ण भूमिका उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण बनाती है.
जेलेंस्की की यात्रा कई बातों पर निर्भर
रिपोर्ट्स के मुताबिक जेलेंस्की की भारत यात्रा कई परिस्थितियों पर निर्भर करेगी. जैसे अमेरिका के नए प्रशासन की शांति योजना किस दिशा में जाती है, युद्ध का हाल कैसा रहता है और यूक्रेन की घरेलू राजनीति किस तरह आगे बढ़ती है. फिलहाल जेलेंस्की सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से आंतरिक दबाव में है.
PM मोदी और जेलेंस्की की पुरानी बातचीत
साल 2024 में कीव में हुई मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया था. उस दौरान मोदी ने साफ कहा था कि भारत हमेशा शांति का समर्थक रहा है और किसी भी बातचीत या पहल में मदद करने को तैयार है. करीब तीन घंटे चली बैठक में जेलेंस्की ने कहा था कि भारत बड़ा देश है और उसका प्रभाव भी बड़ा है, इसलिए भारत इस संकट को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
पुतिन से मुलाकात में भी उठाया था युद्ध का मुद्दा
हाल ही में हुई मोदी-पुतिन बैठक के दौरान भी यूक्रेन मुद्दा प्रमुख रहा. हालांकि इस बार दोनों नेताओं ने 'युद्ध' या 'संघर्ष' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया और इसे केवल 'संकट' कहा. diplomatic circles में इसे भारत की संतुलित भाषा माना जा रहा है.
भारत की भूमिका बढ़ने के संकेत
जेलेंस्की की संभावित यात्रा से साफ है कि युद्ध खत्म कराने में भारत की भूमिका एक बार फिर महत्वपूर्ण हो सकती है. आने वाले हफ्तों में इस यात्रा को लेकर बड़ा अपडेट मिल सकता है.













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