
कनाडा के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे. ट्रूडो से कमान संभालने के बाद उनके लिए पहली बड़ी चुनौती डॉनल्ड ट्रंप का टैरिफ एजेंडा होगा.मार्क कार्नी कनाडा के अगले प्रधानमंत्री होंगे. कनाडा के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर रहे कार्नी को लिबरल पार्टी के आंतरिक मतदान में 85.9% वोट मिले. इस तरह लिबरल पार्टी का नेता बनने के साथ ही वह पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में प्रधानमंत्री के रूप में काम करेंगे.
कार्नी, जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे जो बीते 9 वर्षों से कनाडा के प्रधानमंत्री हैं. ट्रूडो ने इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. आने वाले कुछ दिनों में ट्रूडो आधिकारिक तौर पर कनाडा के गवर्नर-जनरल को इस्तीफा सौंपेंगे और फिर कार्नी को नई सरकार के गठन के लिए न्योता दिया जाएगा. कार्नी को चुनावी राजनीति का अनुभव नहीं है. इससे पहले वह किसी भी निर्वाचित पद पर नहीं रहे हैं.
कार्नी पेशेवर अर्थशास्त्री हैं और 2008 में कनाडा के केंद्रीय बैंक के गवर्नर बने थे. 2013 में उन्हें बैंक ऑफ इंग्लैंड का गवर्नर नियुक्त किया गया. इस तरह वह बैंक के 300 साल के इतिहास में पहले गैर-ब्रिटिश गवर्नर बने. लिबरल पार्टी के नेतृत्व वाली कनाडा की मौजूदा सरकार का कार्यकाल अक्टूबर महीने में खत्म हो रहा है. प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद कार्नी को संसदीय चुनाव के लिए 20 अक्टूबर से पहले की कोई एक तारीख चुननी होगी. सर्वेक्षणों में विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी कुछ आगे नजर आ रही है. इस लिहाज से कार्नी के लिए यह पहली और एक बड़ी चुनावी परीक्षा होगी.
"कनाडा के प्रति सम्मान दिखाए अमेरिका"
प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्नी को पहले दिन से ही अमेरिकी राष्टपति डॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ अजेंडे से निपटना होगा. अमेरिका-कनाडा व्यापार के लिहाज से बड़े साझेदार हैं. दोनों की ओर से निर्यात पर शुल्क (टैरिफ) की घोषणा से आम ग्राहकों और कंपनियों को नुकसान होगा. इसके अलावा ट्रंप, कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बातें कहते रहे हैं.
लिबरल पार्टी का नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में कार्नी ने कहा कि ट्रंप "कनाडा के कामगारों, परिवारों और कारोबारों पर हमला कर रहे हैं. हम उन्हें सफल नहीं होने दे सकते." उन्होंने कहा, "मेरी सरकार हमारी ओर से लगाए टैरिफ जारी रखेगी, जब तक अमेरिकी हमारे प्रति सम्मान नहीं दिखाते." साथ ही कहा, "अमेरिका, कनाडा नहीं है. कनाडा कभी भी अमेरिका का किसी भी रूप में हिस्सा नहीं होगा."
(क्या अमेरिका को व्यापार कानून तोड़ने की सजा मिल सकती है?)
अपने विदाई भाषण में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि कनाडा इस वक्त "अपने पड़ोसी से (अमेरिका) से अस्तित्व की चुनौती, एक आर्थिक संकट" झेल रहा है.
आरएस/आरआर (एपी/रॉयटर्स)