नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरु युनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) में हुए हिंसा के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) के वहां हुंचने को लेकर रिएक्शनों का दौर अभी भी जारी है. इसी कड़ी में बीजेपी नेता गोपाल भार्गव (Gopal Bhargav) ने भी अपना बयान जारी किया है. बीजेपी नेता ने ANI न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि, 'हीरोइन को तो अपना डांस करना चाहिए मुंबई में बैठ के. जेएनयू (JNU) में क्यूं जाना चाहिए था उसको, मेरे समझ में नहीं आ रहा है. इस प्रकार के दर्जनों लोग हो गए हैं जो एक्टिविस्ट, आर्टिस्ट कहलाते हैं.
बता दें कि बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) हाल ही में जेएनयू यूनिवर्सिटी (JNU University) जाकर घायल छात्रों से मिली थी और साथ ही वहां छात्रों के साथ विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुईं थीं. इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें जहां सराहा जा रहा है वहीं कई लोग उनकी निंदा भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं, दीपिका के जेएनयू दौरे को लेकर अब उनकी फिल्म 'छपाक' के खिलाफ भी नेगेटिव कैंपेनिंग की जा रही है. ट्विटर पर फिल्म को ट्रेंड करवा कर इसे न देखने की गुजारिश की जा रही है.
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इस मामले के गर्माने के बाद अब पूर्व जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने भी दीपिका का समर्थन किया है. कन्हैया ने लोगों के सामने दिए अपने बयान में कहा कि सरेआम दीपिका की फिल्म न देखने की अपील की जा रही है. इसका मतलब यही है कि सरकार के लोग ही इस हिंसा में शामिल थे.
Gopal Bhargav, BJP in Harda, Madhya Pradesh: Heroine ko toh apna dance karna chahiye Mumbai mein baith ke. JNU mein kyun jana chahiye tha usko, mere samajh nahi aa raha. Is prakar ke darjano log ho gaye hain jo activist, artist kehlate hain. pic.twitter.com/d3QK9u8gKq
— ANI (@ANI) January 9, 2020
कन्हैया कुमार ने कहा, "हिंदी सिनेमा की एक अदाकारा जेएनयूआईं थी, कुछ नहीं, बोली नारा नहीं लगाईं, मोदी जी का नाम नहीं लिया, मोटा भाई (अमित शाह) का भी नाम नहीं लिया, उनका बेटा बीसीसीआई (BCCI) का सेक्रेटरी क्यों बन गया इसपर भी वो सवाल नहीं पूछी. कुछ नहीं बोलीं वो. आईं घायल विद्यार्थियों से मिलकर करके चुपचाप चली गईं.
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ये कहना शुरू कर दिए हम इनका फिल्म नहीं देखेंगे. तो मेरे मन में एक सवाल आया कि भाई वो किसी की नाम ही नहीं ली, किसी पार्टी का नाम नहीं ली, किसी विचारधारा का नाम नहीं ली. किसी के खिलाफ नारा नहीं लगाया तो फिल्म क्यों नहीं देखेंगे?