अयोध्या (Ayodhya) राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने लोगों से एकता की सदियों पुरानी परंपरा कायम रखने की अपील की. उन्होंने ट्विट कर कहा, "जैसा कि आप सबको पता है, अयोध्या मामले पर आज उच्चतम न्यायालय का फैसला आने वाला है. इस घड़ी में न्यायालय का जो भी निर्णय हो, देश की एकता, सामाजिक सद्भाव, और आपसी प्रेम की हजारों साल पुरानी परंपरा को बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है."
प्रियंका ने कहा, "ये महात्मा गांधी का देश है. अमन और अहिंसा के संदेश पर कायम रहना हमारा कर्तव्य है." शीर्ष अदालत शनिवार को अयोध्या विवाद मामले में फैसला सुनाएगी. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 30 सितंबर 2010 को अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि का फैसला सुनाया था, जिसमें उसने मामले के तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निमोर्ही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर जमीन बांटने का फैसला किया था.
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हालांकि, तीनों पक्षों ने यह फैसला मानने से इंकार कर दिया था. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दायर की गईं. सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पिछले नौ वर्षों से लंबित था. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 16 अक्टूबर को इस विवादास्पद मुद्दे पर अपनी सुनवाई पूरी की थी. पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर शामिल हैं.
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इस विवादित मुद्दे को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का आदेश दिया था, लेकिन यह विफल रहा. आखिरकार अगस्त में शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई शुरू की. पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करने के बाद मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई कर रही पीठ के अध्यक्ष और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं.