AAP ने दिल्ली सरकार पर MCD का फंड बकाया होने का दावा कर रही BJP पर साधा निशाना, कहा- केंद्र पर 12 हजार करोड़ रुपये बकाया
दुर्गेश पाठक (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने दिल्ली सरकार पर एमसीडी का फंड बकाया होने का दावा कर रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को आड़े हाथ लिया. आप नेता दुर्गेश पाठक ने साफ किया कि दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) का दिल्ली सरकार पर कोई फंड बकाया नहीं है, बल्कि एमसीडी का बीजेपी शासित केंद्र सरकार पर पिछले 10 वर्षो का करीब 12 हजार करोड़ रुपये बकाया है. एमसीडी में बैठी बीजेपी के नेता झूठ बोल रहे हैं और डॉक्टरों-नर्सो के वेतन पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं. दुर्गेश पाठक ने कहा कि केंद्र सरकार देश के सभी स्थानीय निकायों को हर साल अनुदान देती है, लेकिन 2001 के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम को एक पैसा नहीं दिया है. केंद्र सरकार को प्रतिवर्ष 1150 करोड़ रुपये एमसीडी को देने चाहिए.

पाठक ने कहा, "सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी कई बार प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्तमंत्री को पत्र लिखकर एमसीडी का रुका पैसा जारी करने की मांग कर चुके हैं. केंद्र में बैठे बीजेपी नेताओं से आम आदमी पार्टी मांग करती है कि पिछले 10 वर्षो का रुका हुआ एमसीडी का 12 हजार करोड़ रुपये तत्काल दिया जाए, इन पैसों पर एकसीडी का हक है."

यह भी पढ़ें: दिल्ली सरकार से वेतन मुद्दे पर बातचीत के लिए नहीं पहुंचे तीनों मेयर: स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन

उन्होंने आगे कहा, "बीजेपी पिछले 14 सालों से एमसीडी चला रही है लेकिन इतने सालों में उन्होंने एक बार भी केंद्र सरकार से इन रुपयों की मांग नहीं की. एमसीडी ने एक भी पत्र केंद्र सरकार और केंद्रीय वित्तमंत्री को नहीं लिखा. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि केंद्र सरकार तत्काल प्रभाव से एमसीडी का रुका हुआ पैसा जारी करे, जिससे डॉक्टरों और कर्मचारियों को उनका वेतन मिल सके. केंद्र सरकार अगर यह पैसा दे देती है तो एमसीडी के कर्मचारियों को वेतन भी मिल जाएगा और एमसीडी का घाटा भी पूरा हो जाएगा."

पाठक ने "14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार देश के सभी नगर निगमों को पैसा (अनुदान) जारी करती है. 14वें वित्त आयोग के अनुसार, केंद्र सरकार ने 2,87,636 करोड़ रुपयों का देश के नगर निगमों को अनुदान दिया. इस रकम में 488 रुपये प्रति व्यक्ति का अनुपात निकलकर आता है. यानी नगर निगर की जितनी जनसंख्या होगी उसके आधार पर, 488 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से केंद्र सरकार, नगर निगम को पैसे देगी."