बैंक खाता (Bank Account) खोलने या फिर केवाईसी के लिए धर्म (Religion) बताने की जरूरत संबंधित खबरों का वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने शनिवार को खंडन किया है. वित्त मंत्रालय के सचिव राजीव कुमार (Rajeev Kumar) ने ट्वीट कर लिखा, 'किसी भी भारतीय नागरिक (Indian Citizen) को अपना बैंक खाता खोलने या पुराने के लिये या KYC के लिए अपने धर्म का खुलासा करने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे अफवाहों पर कतई विश्वास ना करें.' दरअसल, ऐसी खबरें सामने आई थीं कि बैंक आने वाले दिनों में अपने नो योर कस्टमर (KYC) फॉर्म में एक नया कॉलम जोड़ सकता है, जिसमें उसके जमाकर्ता या ग्राहक को अपने धर्म का उल्लेख करना होगा.
इससे पहले खबरों में कहा जा रहा था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित अप्रवासी लोगों को बैंक खाता खोलने या भारत में संपत्ति खरीदने के लिए दी गई अनुमति के तहत यह किया जा रहा है. यह भी पढ़ें- बैंकों में जमाकर्ताओं की बीमा सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी में मोदी सरकार.
राजीव कुमार का ट्वीट-
किसी भी #भारतीय नागरिक को अपना #बैंक खाता खोलने या पुराने के लिये या #KYC के लिए अपने धर्म का खुलासा करने की कोई ज़रूरत नहीं है। ऐसे अफ़वाहों पर क़तई विश्वास ना करें |@PIB_India @DDNewsLive @PTI_News @FinMinIndia @PMOIndia
— Rajeev kumar (@rajeevkumr) December 21, 2019
खबरों में कहा जा रहा था कि विदेशी मुद्रा विनिमयन अधिनियम (FEMA) के नियमों मे यह परिवर्तन नागरिकता संशोधन कानून 2019 की तर्ज पर हैं जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है. बहरहाल, वित्त मंत्रालय के सचिव राजीव कुमार ने ट्वीट कर बैंकों के बारे में फैलाई जा रही इस तरह के किसी भी आधारहीन अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है.