कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूर (Migrant Workers) अपने घरों को लौटने के लिए मजबूर हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर जाने के लिए मजबूर हैं. देश के कई हिस्सों से प्रवासी मजदूरों की घरवापसी जारी है. ये प्रवासी मजदूर लंबी-लंबी दूरियां पैदल ही तय कर रहे हैं. कुछ मजदूर ऑटो रिक्शा से अपने गृह राज्यों को लौट रहे हैं. सड़कों पर सिर पर अपना सब कुछ लादे पैदल जा रहे मजदूरों के मंजर अब आम हो गए हैं. इन मजदूरों के खाने का रहने का कुछ ठिकाना नहीं हैं.
इस बीच दिल्ली में कई प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अपने घरों को लौटने के लिए दिल्ली-गाजीपुर सीमा पर पहुंचे. उनमें से एक, रीता ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, "मेरा घर हरदोई में है. मेरे मकान मालिक ने मुझे बाहर निकाल दिया है क्योंकि मैं किराए का भुगतान नहीं कर सकती. मेरे बच्चे छोटे हैं, लेकिन पैदल चलकर घर जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है." यह भी पढ़ें- प्रवासी मजदूरों ने मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र सीमा के बड़वानी जिले में बसों को लेकर किया जमकर हंगामा, देखें वीडियो.
मजबूर हुए मजदूर-
Delhi: Migrant workers reach Delhi-Ghazipur border to return to their homes in different parts of Uttar Pradesh. One of them,Rita,says "My home is in Hardoi. My landlord has kicked me out as I couldn't pay rent. My children are young but there's no other option but to walk home." pic.twitter.com/2dPw1Gh5ZJ
— ANI (@ANI) May 15, 2020
मुंबई में काम करने वाले 5 व्यक्ति एक ऑटो में मधुबनी (बिहार) के अपने गांव की ओर जा रहे हैं. उनमें से एक धनंजय कुमार ने कहा, "मैं एक फूड डिलिवरी एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करता हूं. हमने 2 महीने तक इंतजार किया, जब हमें महसूस हुआ कि नीतीश कुमार इस यात्रा को करने के लिए कुछ भी नहीं करेंगे."
राज्य सरकार से शिकायतें-
Lucknow: 5 persons who work in Mumbai are heading towards their village in Madhubani (Bihar) in an auto. Dhananjay Kumar says,"I work as a food delivery executive.We waited for 2 months.When we realised that Nitish Kumar won't do anything we decided to take up this journey"(14.5) pic.twitter.com/u49d4wMhbf
— ANI UP (@ANINewsUP) May 15, 2020
छत्तीसगढ़ के रहने वाले महाराष्ट्र के एक ऑटो चालक, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान काम की कमी के कारण राज्य छोड़ दिया था, वे अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं. एक ऑटो चालक ने कहा, "मैं पिछले 2 महीनों से बिना काम के हूं बिना पैसे के टिकना मुश्किल है. इसलिए, मैं रांची, झारखंड लौट रहा हूं." मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रवासी श्रमिकों के कई समूह पैदल अपने घरों की ओर जा रहे हैं. एक श्रमिक ने कहा, "हमने कल से एक दिन पहले इंदौर से चलना शुरू किया, कोई वाहन नहीं है. हम छिंदवाड़ा जा रहे हैं."
लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों के लिए ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. जब इन ट्रेनों को चलाने का ऐलान हुआ तो प्रवासी मजदूरों को उम्मीद बंधी थी कि अब वे सुरक्षित अपने घर पहुंच जाएंगे. लेकिन मजदूरों के हाल- बेहाल हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलते हुए 2 हफ्ते होने को हैं लेकिन तस्वीर नहीं बदली. अब भी वही मंजर है. इस दौरान कई मजदूर सड़क हादसों के शिकार भी हुए.
ताजा मामला उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से है, जहां दर्जनभर से ज्यादा मजदूरों की मौत सड़क हादसे में हो गई. उत्तर प्रदेश में रोडवेज की एक बस पैदल बिहार जा रहे 6 मजदूरों को कुचल दिया. वहीं, मध्य प्रदेश के गुना में एक बस और ट्रक में भिड़त से 8 मजूदरों की मौत हो गई.