राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम 2018: ये है बीजेपी की हार की मुख्य वजह
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर वोटों की गिनती अभी भी जारी है. चुनाव परिणाम के जो रुझान सामने अब तक आया है. उसके मुताबिक कांग्रेस पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आ रही है. लेकिन यदि राजनीतिक जानकारों की माने तो सूबें में भारतीय जनता पार्टी को हार कांग्रेस की वजह से तो मिली ही है. लेकिन हार के प्रमुख कारण  पार्टी से बगावत करने वाले नेता भी माने जा रहें है. जिसकी वजह से राज्य में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ रहा है.

ख़बरों की माने तो वसुंधरा राजे के काम करने के तौर तरीके और दूसरी बातों को लेकर पार्टी के कुछ नेता नाराज चल रहे थे. उन नेताओं में बता करे तो भारतीय जनता पार्टी  के विधायक घनश्याम तिवाड़ी, जो सांगानेर से 5 बार विधायक रह चुके हैं और पिछली बार करीब 60 हजार वोटों से जीते थे. राजे से नाराज होने के चलते उन्होंने खुद की भारत वाहिनी नाम से पार्टी का गठन कर भारतीय जनता पार्टी के सामने चुनाव लड़ा. यह भी पढ़े: राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम 2018: कांग्रेस बहुमत की ओर, अशोक गहलोत, सचिन पायलट में से कौन बनेगा सीएम, खींचतान शुरू!

वहीं एक और बड़े नेता निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल भी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरे. नागौर से खींवसर से विधायक बेनीवाल ने 57 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. राजस्थान में सबसे बड़े करीब 12 प्रतिशत से अधिक का वोट बैंक माने जाने वाले जाट समाज के नेता हनुमान बेनिवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी का खेल बिगाड़ने में बड़ा रोल निभाया. यह भी पढ़े: राजस्थान फिर दोहराएगा इतिहास? कांग्रेस की बन सकती है सरकार

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ ऐसे नेता जिन्हें लिस्ट जारी होने पर टिकट नहीं दिए जाने पर उन्होंने पार्टी से बगावत कर दिया. उसमें राजे सरकार के मंत्री सुरेंद्र गोयल ने जैतारण से, राजकुमार रिणवा ने रतनगढ़ से, ओमप्रकाश हुड़ला ने महुवा और धनसिंह रावत ने बांसवाड़ा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाजपा को चुनौती दी थी. विधायक अनिता कटारा, देवेंद्र कटारा, नवनीत लाल निनामा, किशनाराम नाई और गीता वर्मा भी निर्दलीय मैदान में थे. ऐसा कहा जा रहा है यदि भारतीय जनता पार्टी के ये नेता बागी पार्टी से नहीं जातें तो शायद राज्य में इस तरह से हर का मुंह नहीं देखना पड़ता.