हाजीपुर: पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए अब टक्कर रोधी तकनीक 'कवच' (Kawach) की मदद लेगा. इसी क्रम में ट्रेनों के संरक्षित परिचालन के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से प्रधानखांटा तक कवच' प्रणाली की स्थापना के लिए लगभग 151 करोड़ रुपए की निविदा जारी कर दी गयी है. इसके साथ ही इस प्रणाली को पूर्व मध्य रेल के अन्य महत्वपूर्ण रेलखंडों पर भी स्थापित करने की प्रक्रिया पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष के नौ महीनों में बेटिकट यात्रा में वृद्धि, रेलवे ने 1.78 करोड़ यात्रियों को पकड़ा
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस प्रणाली से ट्रेनों की दुर्घटना पर हद तक लगाम लगाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि 408 किलोमीटर लंबे पं.दीनदयाल उपाध्याय जं.-मानपुर-प्रधानखांटा रेलखंड पर इस प्रणाली को स्थापित किया जाना है. यह रेलखंड उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्य से होकर गुजरता है.
इस रेलखंड पर 8 जंक्शन स्टेशन सहित कुल 77 स्टेशन, 79 लेवल क्रॉसिंग गेट और 7 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल हैं . इस रेलखंड पर सभी प्रकार के मिश्रित यातायात माल ढुलाई, मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता है.
वर्तमान में इस रेलखंड पर 130 किमी प्रतिघंटा की गति स्वीकृत है तथा मिशन रफ्तार के तहत इसे बढ़ाकर 160 किमी प्रतिघंटा करने के लिए कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि 'कवच' एक टक्कर रोधी तकनीक है, जो माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ा रहता है . जैसे ही यह तकनीक एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक में दूसरी ट्रेन का पता लगाती है, तो ट्रेन के इंजन में लगे उपकरण के माध्यम से निरंतर सचेत करते हुए स्वचालित ब्रेक लगाने में सक्षम है.
कवच एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है जो आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्डस ऑगेर्नाइजेशन) द्वारा विकसित है. यह प्रणाली लोको पायलट को सिगनल के साथ-साथ अन्य पहलुओं की स्थिति, स्थायी गति प्रतिबंध के बारे में संकेत देता है और ओवर स्पीड के बारे ड्राईवर को सचेत करता रहता है.
कवच प्रणाली मौजूदा सिग्नलिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाये रखता है तथा इसकी जानकारी परिचालन से जुड़े प्राधिकृत व्यक्तियों को निरंतर साझा करता रहता है. यह प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन एवं लोको ड्राईवर को तत्काल कार्रवाई हेतु सचेत करने, साइड-टक्कर,आमाने-सामाने की टक्कर एवं पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में पूर्णत: सक्षम माना जाता है.