मॉर्डन लाइफ स्टाइल में तनाव की समस्या लगातार गहराती जा रही है. हालात बद से बदतर होती जा रही है. प्राप्त आंकडों पर नजर डालें तो अकेले भारत में लगभग 89 प्रतिशत लोग तनाव से ग्रस्त हैं. यही वजह है कि इन दिनों बहुत कम उम्र में युवाओं में हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो अचानक मृत्यु का कारण बन रही हैं. कोरोनाकाल में इस तरह की घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. भारत में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं से स्वास्थ्य विभाग में भी चिंता व्याप्त है. आखिर इस महामारी से कैसे पार पाया जा सकता है? जानें इस संदर्भ में नानावटी अस्पताल मुंबई की मुख्य कार्डिएलोगिस्ट डॉ लेखा पाठक (Dr Lekha Adik Pathak) के चार महत्वपूर्ण टिप्स!
आज तेज रफ्तार जिंदगी में लोगों का रहन-सहन के प्रति नजरिया बदल गया है, जिसकी वजह से इंसान किसी ना किसी रोग से ग्रस्त रहता है. हैरानी और चिंता का विषय यह है कि इससे युवा वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है. कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ लेखा पाठक भी इस मत का समर्थन करती हैं. वे बताती हैं, -अगर आप स्वस्थ जीवन की चाहत रखते हैं तो आपको अपने खान-पान एवं आराम पर गम्भीरता से ध्यान देना होगा. डॉ लेखा बताती हैं, -इंसान अगर अपने आहार, विहार, आचार एवं विचार में संतुलन रखे तो वह आजीवन स्वस्थ जीवन जी सकता है. यह भी पढ़े: Heart Attack: क्यों आती है दबे पांव मौत? जानें कारण, लक्षण और कैसे करें बचाव!
* आहार (Diet)
आपका दैनिक एवं संतुलित आहार आपको शारीरिक और मानसिक ही नहीं बल्कि बौद्धिक रूप से भी स्वस्थ रखती है. यह आपको बेहतर स्वास्थ्य, मज़बूत बुद्धिमत्ता, शांत मस्तिष्क और स्वस्थ हृदय प्राप्त करने में मुख्य भूमिका निभाता है. अपने दैनिक जीवन के खानपान में घी, मलाई, मक्खन और मिठाई को सीमित रखें. फास्ट फूड, चाइनीज फूड, जंक फूड एक्सेस अथवा बचे हुए ऑयल का उपयोग कत्तई ना करें. अंडे की जर्दी का सेवन नहीं करें. अंडे के सफ़ेद भाग का सेवन करने से आप बिना कोलेस्ट्रॉल का सेवन किये प्रोटीन हासिल कर लेते हैं, क्योंकि सारा कोलेस्ट्रॉल अंडे की ज़र्दी में ही होता है.
विहार (Vihar)
इंसान को रोजाना वॉक, व्यायाम अथवा योगा करना चाहिए. अगर आप जिम जाते हैं तो आपको ट्रेनर जो कहता है, और जितना कहता है उतना ही व्यायाम करें. अपनी बॉडी की क्षमतानुसार ही व्यायाम करना चाहिए. याद रखें, किसी भी चीज का अतिरेक स्वास्थ्य के साथ रिस्क लेना साबित होगा. हमारे पास ऐसे कई केसेज आते हैं कि जिसमें ज्यादा ट्रेडमील हार्ट अटैक का कारण बनता है. ज्यादा वेट लिफ्टिंग हार्ट अटैक का कारण बन भी सकता है.
आज की जीवन शैली में तनाव इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन साबित हो रहा है. इससे बचने के लिए व्यायाम, मनोरंजन (फिल्म, टीवी, गायन, संगीत इत्यादि), पेंटिंग्स, क्राफ्ट्स, पिकनिक जैसी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं. ये सभी चीजें हमें शांति एवं आनंद दिलाती हैं. आप योग भी कर सकते हैं. गहरी नींद या आरामदायक नींद का न होना भी तनाव का लक्षण हो सकता है. ध्यान रखें एक व्यक्ति को कम से कम 7 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए. अगर आप स्मोक करते हैं, तो तुरंत छोङ दें, यह हार्ट अटैक का सबसे बड़ा माध्यम है.
आचार (Behaviour)
हमारे आचरण में योग की अहम भूमिका होती है. एक स्वस्थ एवं तनाव मुक्त जीवन के लिए आपके आचरण में नैतिकता होनी चाहिए. अच्छे आचरण के लिए आपमें ईमानदारी और मृदु व्यवहार होना चाहिए. घृणा, ईष्या एवं क्रोध आदि से बचना चाहिए. यह हमारे पूरे दिन को संतुलित और शांत रखता है. हमें सदा प्रसन्न रहने की स्वयं कोशिश करनी होगी. हमें अपनी इच्छाओं, प्रवृत्तियों, भावनाओं आदि पर नियंत्रण रखना चाहिए. इन सबके लिए योग सबसे बेहतर है, क्योंकि यह हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में अच्छे आचरण को प्रोत्साहित करता है.
विचार
विचार वस्तुतः आत्म-मंथन होता है. विचार किसी व्यक्ति के साथ संबंध विकसित करने में सहायता करता है. कहा जाता है कि आत्ममंथन को समझने का एकमात्र तरीका इसका निरंतर अभ्यास करना है. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि विचार एकालाप नहीं बनना चाहिए. किसी की चेतना को सुनना चाहिए, जवाब आपके जेहन से आयेगा. सुनना व्यायाम की कुंजी है.एक समय आता है, जब आपका मन एक यात्रा और विकास में आपका सबसे अच्छा साथी बन जाता है.