इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो के अनुसार पुणे (महाराष्ट्र) के एक ताल्लुका स्थित लोकल ग्राउंड पर क्रिकेट खेलते हुए एक खिलाड़ी बाबू नलावड़े की मैदान पर ही गिरकर मृत्यु हो जाती है. जांच के बाद चिकित्सक बताते हैं कि बाबू को ह्रदय का तेज दौरा पड़ा था, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई. इस तरह की घटनाएं अकसर सुनने को मिलती हैं, जब मौत बिना दस्तक दिये आती है, और व्यक्ति इस बात का अहसास भी नहीं होने देती कि वह बस कुछ पल का मेहमान है. बहुत खुशनसीब थे क्रिकेटर कपिल देव, सौरव गांगुली, कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा जिन्होंने समय रहते चिकित्सा लाभ लिया और आज अपने परिवार के साथ बने हुए हैं.
कोविड-19 को अपवाद मान लें तो गत वर्ष अधिकांश लोगों की मृत्यु दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने से हुई है. नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अश्विनी मेहता के एक बयान के अनुसार
संपूर्ण भारत में हर वर्ष करीब 20 लाख लोग हृदयाघात के शिकार बनते हैं, और लगभग 15 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो जाती है. हार्ट अटैक कहीं भी, कभी भी और किसी को भी पड़ सकता है. जरूरी नहीं कि शिकार व्यक्ति दिल का मरीज ही हो. हालांकि व्यक्ति चाहे तो खुद को कुछ समय के लिए इस अपघात से बचा सकता है, अगर वह तत्काल प्राथमिक उपचार ले ले और समय रहते अस्पताल पहुंच जाये. चिकित्सक आगे बताते हैं कि हमारे देश में इस बीमारी को लेकर जागरुकता की कमी है. त्रासदी यह है कि हमारा स्वास्थ्य विभाग भी इस ओर ज्यादा सक्रिय नहीं है, कि वह लोगों में जागरुकता पैदा करें.
क्या है दिल का दौरा?
ह्रदयरोग विशेषज्ञ के अनुसार किन्हीं कारणों से जब ह्रदय में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है तो मांसपेशियां खराब होने लगती हैं. इसका सबसे बड़ा खतरा हार्ट अटैक के रूप में हो सकता है. क्योंकि ह्रदय में हो रही है खून की कमी क्लोन्ट्स से ह्रदय की मांसपेशियों को ब्लॉक कर देती है, जिसकी वजह से मांसपेशियां अपना रक्त संचार सुचारु रूप से नहीं कर पातीं. फल स्वरूप व्यक्ति के सीने में दर्द महसूस होता है, और यहीं से स्थिति बनती है हार्ट अटैक की.
ह्रदयाघात के कारण : आम जुबान में कहा जाता तो ह्रदय में रक्त का संचार और संचालन के प्रभावित होने के कारण दिल का दौरा पड़ता है. लेकिन इसके अलावा और भी तमाम कारणों से व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ सकता है. मसलन…
आनुवांशिकता (genetics) : अगर आपके माता-पिता अथवा घर के उस सदस्य जिसके साथ आपका खून का रिश्ता है, और वह दिल का मरीज है तो आप भी इस बीमारी के शिकार बन सकते हैं. इसलिए ऐसे लोगों को अपने ह्रदय की नियमित जांच कराते रहना चाहिए.
मोटापा (Obesity): ह्रदयाघात की एक वजह अनियंत्रित मोटापा भी है, जिस व्यक्ति का वजन उसके कद-काठी की तुलना में ज्यादा होती है, उसे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है.
मानसिक तनाव (Mental Stress): दिल के दौरे की सबसे मुख्य वजह मानसिक तनाव बताई जाती है. आज की भाग-दौड़ जिंदगी में चिंता और तनाव आम बात हो गयी है, जो लोग ज्यादा चिंतन या तनाव करते हैं, उन्हें दिल के दौरे जैसे खतरे का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राल और मधुमेह के रोगियों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है.
दिल के दौरे लक्षण: दिल का दौरा बिना किसी चेतावनी के आता है. लोगों को इसका पता भी नहीं चलने पाता लेकिन अगर आप थोड़ी सी सतर्कता बरतें दिल के दौरे के लक्षणों को पहचान कर इससे बचा जा सकता है.
असहजता महसूस होना: सीने में जलन, प्रेशर और बेचैनी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. इस तरह का अहसास होते ही बिना विलंब किये चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए.
शरीर में सूजन: जब हृदय शरीर के अंगों में रक्त का संचार नहीं कर पाता तो उसे रक्त पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इस वजह से शरीर के भीतरी अंगों में सूजन आ जाती है. ये लक्षण पैरों के पंजों में देखी जा सकती है. कभी-कभी होठों में नीलापन आ जाता है.
थकान महसूस होना: बिना किसी वजह थकान लगे तो यह भी हार्ट अटैक की वजह बन सकता है. जब ह्रदय की ध्वनियां कोलेस्ट्रोल के कारण बंद या संकुचित हो जाती हैं, तब ह्रदय को ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है, जिसकी वजह से थकान महसूस होती है. इस तरह का अहसास होते ही अविलंब ह्रदय रोग विशेषज्ञ से सलाह लें.
चक्कर आना: दिल कमजोर होता है तो रक्त का संचार करने में क्रमशः असफल होता जाता है ऐसे में दिमाग के पास ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, जिससे हमेशा खड़े होने पर चक्कर जैसा लगता है. यह दिल के दौरे गंभीर लक्षणों में एक माना जाता है.
सुझाव: दिल का दौरा गंभीर मसला है, जरा सा भी शक हो तो बिना विलंब किये किसी हृदय रोग विशेषज्ञ से मदद लें.