Raebareli Shocker: रायबरेली जिले में दबंगों का आतंक! गांव में आम बेचने आए दलित युवक को पेड़ से बांधकर पीटा, सोशल मीडिया पर वीडियो आया सामने (Watch Video)
Credit-(X,@WeUttarPradesh)

रायबरेली, उत्तर प्रदेश: रायबरेली जिले के लालगंज क्षेत्र के पिलखा गांव में दलित युवक को पेड़ से बांधकर पीटने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है की पीड़ित आम बेचने के लिए गांव गया था.जहां मामूली कहासुनी के बाद कुछ स्थानीय लोगों ने उसे बंधक बना लिया और तालिबानी सजा देते हुए पीट-पीटकर घायल कर दिया.पीड़ित का आरोप है कि करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों ने उसे रात करीब साढ़े आठ बजे पकड़कर पेड़ से बांध दिया और लाठियों से पीटा. इसके बाद उसे जबरन कोतवाली ले जाया गया, जहां न सिर्फ दुर्व्यवहार हुआ, बल्कि पुलिस के सामने भी मारपीट की गई.आरोप है कि पुलिस ने उसे जातिसूचक शब्दों से भी अपमानित किया.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया X पर @WeUttarPradesh नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:Auraiya Video: युवक को दी तालिबानी सजा! लड़की से मिलने के आरोप में परिजनों और लोगों ने पेड़ से बांधकर पीटा, औरैया जिले का वीडियो आया सामने

रायबरेली जिले में युवक को पेड़ से बांधकर पीटा

छेड़छाड़ का झूठा आरोप

पीड़ित ने बताया कि उसके ऊपर गांव की एक लड़की से छेड़छाड़ का मनगढ़ंत आरोप लगाया गया, जबकि असलियत यह है कि वह किसी साजिश का शिकार हुआ है. दबंगों ने न केवल उसके साथ हिंसा की, बल्कि एक पत्रकार को धमकाते हुए बनाए गए वीडियो को भी डिलीट करवा दिया.

प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल

घटना की जानकारी होने के बावजूद पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जगह उल्टा पीड़ित पर शांतिभंग की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया. इस रवैये से स्थानीय दलित समाज और नागरिक संगठनों में नाराजगी है.

राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने जताया आक्रोश

इस घटना पर भाजपा से जुड़े दलित नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह घटना कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है.उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस और दबंगों की मिलीभगत के चलते पीड़ित को ही दोषी बनाया जा रहा है. वे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

पुलिस का बयान

इस पूरे मामले में जब पुलिस से संपर्क किया गया, तो क्राइम इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह ने कहा कि 'एक लड़की की शिकायत पर कार्रवाई की गई है'. हालांकि, इस बयान से पीड़ित और समाज को संतुष्टि नहीं मिल रही और निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं.