
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 का समापन हो चुका है, लेकिन संगम नगरी में श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु अब भी प्रयागराज पहुंचकर संगम में स्नान कर रहे हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले रहे हैं.
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
महाकुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे थे, लेकिन अब भी हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि श्रद्धालुओं की यह भीड़ आने वाले दिनों में भी बनी रह सकती है.
संगम स्नान का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुंभ समाप्त होने के बाद भी संगम स्नान का विशेष महत्व होता है. कई श्रद्धालु पंचकोसी परिक्रमा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए यहां रुके हुए हैं. इसके अलावा, मंदिरों में हवन, यज्ञ, प्रवचन और संतों के सत्संग भी जारी हैं, जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी हुई है.
#WATCH | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए त्रिवेणी संगम पहुंच रहे हैं।
45 दिवसीय #MahaKumbh2025 का समापन महाशिवरात्रि पर हुआ। pic.twitter.com/UKkffYXLH9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2025
प्रशासन ने बनाए रखी व्यवस्थाएं
श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सफाई व्यवस्था, सुरक्षा और परिवहन सेवाओं को अभी भी दुरुस्त रखा है. घाटों की सफाई नियमित रूप से की जा रही है और संगम क्षेत्र में पुलिस बल तैनात है ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो.
सर्वसिद्धिप्रद: कुम्भ:
भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक 'महाकुम्भ 2025, प्रयागराज' में अब तक 67 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम के पवित्र जल में आस्था के साथ स्नान किया है। यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल भारत की धार्मिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह आस्था, विश्वास और एकता का… pic.twitter.com/nSS2hYJr6i
— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) February 27, 2025
स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ
श्रद्धालुओं के निरंतर आगमन से होटल, धर्मशालाओं और स्थानीय दुकानों को भी फायदा मिल रहा है. गंगा आरती, मंदिर दर्शन और अन्य धार्मिक गतिविधियों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है, जिससे प्रयागराज की आध्यात्मिक ऊर्जा बरकरार है.
महाकुंभ 2025 के समापन के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हुई है. संगम नगरी प्रयागराज में अभी भी हजारों श्रद्धालु स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे शहर की आध्यात्मिक भव्यता बनी हुई है.