'जब संभल जैसी सच्चाई सामने आएगी, तो कुछ लोग अपना मुंह नहीं दिखा पाएंगे', जानें किस बात पर भड़के CM योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि लोगों को विदेशी आक्रमणकारियों की तारीफ करना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि जब संभल जैसी सच्चाइयां सामने आएंगी, तो वे चुप हो जाएंगे और कहीं मुंह नहीं दिखा पाएंगे.

‘पंचजन्य’ और ‘ऑर्गनाइज़र’ द्वारा लखनऊ में आयोजित ‘मंथन-महाकुंभ एंड बियॉन्ड’ कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल पर जबरन कब्जा करना स्वीकार्य नहीं है.

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “संभल सच्चाई है. मैं एक योगी हूं और मैं हर धर्म और सम्प्रदाय का सम्मान करता हूं, लेकिन यह स्वीकार्य नहीं है कि कोई किसी स्थल पर जबरन कब्जा कर ले और किसी की आस्था को नष्ट कर दे. संभल में 68 तीर्थ स्थल थे, जिनमें से अब तक सिर्फ 18 ही मिल पाए हैं. संभल में 56 साल बाद शिव मंदिर में जलाभिषेक हुआ.”

उन्होंने आगे कहा, “हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कहा था कि जब उनका डीएनए टेस्ट किया जाएगा, तो वह भारतीय होगा. जो लोग भारत के संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें पहले अपना डीएनए टेस्ट करवाना चाहिए. विदेशी आक्रमणकारियों की तारीफ करना बंद कर दो, क्योंकि जब ऐसी सच्चाइयाँ सामने आएंगी, तो उनमें से कोई भी अपना मुंह नहीं दिखा पाएगा.”

मुख्यमंत्री योगी ने महाकुंभ को सनातन धर्म का सच्चा प्रतिनिधित्व बताया और कहा कि इसने देश की वास्तविक पहचान को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया.

उन्होंने कहा, “महाकुंभ सनातन धर्म के असली रूप का परिचायक है. दुनिया ने इसे हैरान होकर देखा और इसकी जिज्ञासा जताई. उत्तर प्रदेश को देश और दुनिया को अपनी सोच प्रस्तुत करने का मौका मिला और महाकुंभ के माध्यम से भारत की असली पहचान को दुनिया के सामने पेश किया गया, जो है 'एक भारत श्रेष्ठ भारत'."

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर महाकुंभ के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया और कहा कि वे हर अच्छे काम का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा, "वे हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं. उन्हें मौका मिला था. स्वतंत्र भारत का पहला कुंभ मेला 1954 में हुआ था जब कांग्रेस केंद्र और राज्य दोनों जगह सत्ता में थी. उस समय वहां भ्रष्टाचार, अराजकता और अव्यवस्था थी. एक हजार से अधिक लोगों की मौतें हुई थीं और यह हर कुंभ मेला में होता रहा. यह किसी से छिपा नहीं है."

योगी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी आलोचना की, जिन्होंने 2025 के महाकुंभ की सफाई को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा, "जो लोग हमारे स्वच्छ महाकुंभ की आलोचना कर रहे हैं, उन्होंने 2013 में क्या किया था, जब मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रयागराज आए थे? उन्होंने संगम पर देखा था कि वहां गंदगी, अराजकता और कीचड़ था और वे डुबकी लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे. वे सम्मान अर्पित कर वहां से रोते हुए चले गए थे. जो लोग अब नकारात्मक टिप्पणियां कर रहे हैं, वे उस समय गंदगी और अराजकता का माहौल बना रहे थे."

मुख्यमंत्री योगी का यह बयान न केवल संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को उजागर करता है, बल्कि वह उन लोगों को भी चुनौती दे रहे हैं जो भारत के इतिहास और संस्कृति की उपेक्षा करते हैं. यह उनकी दृढ़ नायकात्मक सोच का प्रतीक है, जो भारतीय संस्कृति और धर्म के संरक्षण की दिशा में प्रतिबद्ध है.