मुंबई: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि अरब सागर (Arabian Sea) में बने दबाव क्षेत्र के अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. मौसम विभाग ने गुजरात के सभी बंदरगाहों के लिए चेतावनी जारी की है, साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र के मछुआरों से गहरे समुद्र में नहीं जाने को कहा है. मौसम विभाग ने कहा कि अगले 24 घंटे के दौरान, दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर बन रहा ये दवाब पूर्व-मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. Cyclone Biparjoy: कोंकण और मुंबई में चक्रवात बिपार्जोय का अलर्ट, IMD ने जताई महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और अचानक बाढ़ की आशंका.
आईएमडी वैज्ञानिक सुनील कांबले ने कहा, 'अनुमान है कि अगले 24 घंटों में अरब सागर में चक्रवात बन सकता है. चक्रवात तटों से 1000-1100 किलोमीटर दूर है, इसलिए हमारे तटों पर इसका असर कम होगा. समुद्र में मछुआरों को जाने से मना किया गया है, ये आदेश अगले 10 दिनों तक रह सकता है.' मौसम वैज्ञानिक सुनील कांबले ने मानसून के अपडेट पर कहा- 'मानसून के केरल पहुंचते ही हम मुंबई में मानसून की शुरुआत के बारे में बता पाएंगे.'
गहरे समुद्र में न जाएं मछुआरे
#WATCH | Maharashtra: It is estimated that a cyclone may form in Arabian Sea in the next 24 hours. The cyclone is 1000-1100 km away from the coasts, so its impact on our coasts will be less. Fishermen should avoid deep fishing as an increase in wind speed can be concerning. As… pic.twitter.com/9ZAJ6nXB4V
— ANI (@ANI) June 6, 2023
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को अनुमान जताया कि इस सप्ताह के अंत में मुंबई और पुणे और आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा होगी.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को कहा कि गुजरात में दक्षिणी पोरबंदर में दक्षिणपूर्व अरब सागर पर निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है और चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है. मौसम विभाग ने बताया आज, 6 जून की सुबह साढ़े पांच बजे के करीब दबाव गोवा से पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में 920 किलोमीटर, मुबंई से 1,120 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर से 1,160 किलोमीटर दक्षिण और कराची से 1,520 किलोमीटर दक्षिण की तरफ था.
मानसून अपडेट
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है लेकिन हल्की बारिश की ही संभावना है. मौसम एजेंसी ने कहा, ‘‘अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं. इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा.’’
दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर एक जून को लगभग सात दिनों के मानक विचलन के साथ केरल में प्रवेश करता है. मई के मध्य में, आईएमडी ने कहा था कि मानसून चार जून तक केरल में आ सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में मानसून में थोड़ी देर होने का मतलब यह नहीं होता कि मानसून देश के अन्य हिस्सों में भी देरी से पहुंचेगा. इससे मानसून के दौरान देशभर में कुल वर्षा पर भी असर नहीं पड़ता.