रायपुर: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण देशभर के स्कूल और कॉलेज बीते छह महीनों से बंद है. ऐसे में बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने सराहनीय पहल की. उन्होंने कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर (Padhai Tuhar Dwar) ऑनलाइन क्लास की योजना शुरू की. जो विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हुई है. Padhai Tuhar Dwar: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम की सफलता पर जताई प्रसन्नता
छत्तीसगढ़ में कोविड-19 को धता बताते हुए कोरोना काल में भी शिक्षा का प्रवाह ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ (पढ़ाई आपके द्वार) ने बखूबी जारी रखा. अब तक राज्य के 23 लाख से अधिक विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिला है. वहीं जिन विद्यार्थियों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं थी, राज्य सरकार ने उनके लिए खास इंतजाम किये थे. ऐसे दूर-दराज इलाकों में रहने वाले व गरीब छात्रों के लिए सीएम भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में पढ़ई तुंहर पारा (मोहल्ला) योजना चलाई गई. जिसकी मदद से इस संकट के समय में भी साढ़े 7 लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला.
छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप आज लाखों शिक्षक कोरोना योद्धा बन गए है. राज्य के सभी विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं से लेकर लाउड स्पीकर तक से पढ़ाने का क्रम बादस्तूर चल रहा है. इतना ही नहीं स्कूल बंद होने के बाद भी मध्यान्ह भोजन योजना राज्य में पहले की तरह ही चल रही है. इसके तहत 90 फीसदी स्कूली बच्चों के घरों तक सूखा राशन पहुंचाने में छत्तीसगढ़ सरकार देश में अव्वल रही है.
वहीं, छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को वर्तमान चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने सभी सुविधाओं वाला 51 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों का शुभारंभ किया है. छत्तीसगढ़ में एक साल के भीतर कुपोषित बच्चों की संख्या में करीब 14 फीसदी की कमी आई
इस बीच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है. उनके निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग ने 14 हजार 580 पदों पर नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किये है. मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया है. जबकि छत्तीसगढ़ में पहली बार 595 प्रोफेसरों की सीधी भर्ती होने जा रही है.