गजब का घोटाला! 30 महीने में 25 बार मां बनी महिला, 5 बार हुई नसबंदी, आगरा का CHC बना भ्रष्टाचार का अड्डा!

Woman 25 Deliveries Scam: आगरा से अजीब नहीं, अब शर्मनाक खबर आई है. फतेहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जो खुलासा हुआ है, उसने न सिर्फ विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि जन कल्याण की योजनाओं को भी मज़ाक बना दिया है.

कल्पना कीजिए, एक महिला ढाई साल में 25 बार मां बनी! और उसी दौरान उसने 5 बार नसबंदी भी करवाई! सुनकर माथा चकरा गया? स्वास्थ्य विभाग की ऑडिट रिपोर्ट ने भी कुछ ऐसा ही झटका दिया. लेकिन यह सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी नहीं, बल्कि योजनाओं के नाम पर खुलेआम सरकारी खजाने की लूट का दस्तावेज़ है.

ऑडिट में उड़ा स्वास्थ्य विभाग का होश

मामला तब सामने आया जब सीएचसी फतेहाबाद का नियमित ऑडिट हुआ. दस्तावेज़ों की जांच में बार-बार एक ही महिला का नाम सामने आने लगा — कभी डिलीवरी के लिए, तो कभी नसबंदी के लिए. जब गिनती की गई, तो रिकॉर्ड में वह महिला 25 बार मां बन चुकी थी और 5 बार नसबंदी करा चुकी थी. इतना ही नहीं, इस “सुपरवुमन” के खाते में जननी सुरक्षा योजना और नसबंदी प्रोत्साहन योजना के तहत कुल ₹45,000 भी ट्रांसफर किए जा चुके थे.

धोखाधड़ी की स्क्रिप्ट तैयार कैसे हुई?

  • इस घोटाले का आधार बनी दो सरकारी योजनाएं — जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना.
  • इन योजनाओं के तहत हर सफल डिलीवरी के बाद महिला को ₹1400 और आशा कार्यकर्ता को ₹600 दिए जाते हैं.
  • नसबंदी के बाद महिला को ₹2000 और आशा को ₹300 दिए जाते हैं.

सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार यह रकम 48 घंटे के भीतर सीधे खाते में ट्रांसफर की जाती है. बस, इसी सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर एक महिला के नाम का बार-बार इस्तेमाल किया गया और योजनाओं की राशि हथिया ली गई.

क्या यह सिस्टम की चूक है या सुनियोजित साजिश?

सीएमओ आगरा डॉ. अरुण श्रीवास्तव को जैसे ही इस घोटाले की जानकारी मिली, वे खुद मौके पर पहुंचे और तत्काल जांच के आदेश दिए. उन्होंने माना कि यह मामला बेहद गंभीर है और यह पता लगाया जाएगा कि यह गलती तकनीकी है या फिर कर्मचारियों की मिलीभगत से किया गया सुनियोजित घोटाला.

डॉ. श्रीवास्तव ने यह भी स्वीकार किया कि फतेहाबाद और शमशाबाद सीएचसी में कुछ कर्मचारियों का वर्षों से दबदबा रहा है. आलम यह है कि एक ही साल में चार अधीक्षक बदले जा चुके हैं, लेकिन जड़ें अब भी जस की तस हैं.

अब क्या होगा?

सीएमओ ने एक विशेष जांच समिति गठित करने की घोषणा की है. यह कमेटी हर पहलू की पड़ताल करेगी — महिला का नाम, आधार नंबर, बैंक खाता, फर्जी दस्तावेज, कर्मचारियों की भूमिका और सिस्टम की खामियां. यदि कोई भी कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी विभागीय और कानूनी कार्रवाई होगी.

जननी योजना या जन धन लूट योजना?

इस पूरे मामले ने सरकारी योजनाओं पर जनता के विश्वास को झकझोर कर रख दिया है. जिन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना था, उन्हीं के नाम पर अब भ्रष्टाचार का काला खेल खेला जा रहा है.

अब देखना होगा कि जांच में कौन-कौन नाम सामने आते हैं, और क्या यह मामला सिर्फ एक महिला तक सीमित है या फिर यह महज एक उदाहरण है उस व्यापक गड़बड़ी का जो पूरे सिस्टम में फैली हुई है.