नोएडा, 25 सितंबर: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को कहा कि देश के 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है और इसमें उत्तर प्रदेश की प्रमुख भूमिका होगी. यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री ने शिवराज के नाम और काम से कन्नी काट ली : कांग्रेस
राणे ने ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य का लक्ष्य 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है और पलायन की समस्या से निपटने के लिये नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय में सुधार की जरूरत है.
मंत्री ने औद्योगीरण में अपने गृह राज्य महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि कौन सा उद्योग किस क्षेत्र या जिले में स्थापित किया जाना चाहिए, यह सुनिश्चित करने के लिये उचित शोध और अध्ययन की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में उद्योग को आकर्षित करने में वहां के कारोबारी माहौल की महत्वपूर्ण भूमिका है. जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं, वह सराहनीय है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं महाराष्ट्र के मुंबई से आता हूं. मुंबई राज्य की राजधानी है. अकेले मुंबई देश के सरकारी कोष में 33 से 34 प्रतिशत का योगदान देता है. मुंबई कृषि या सेवाओं पर निर्भर नहीं है, बल्कि औद्योगीकरण पर निर्भर है.
राणे ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश को आज यह तय करना होगा कि वह 40 प्रतिशत या 35 प्रतिशत का कितना योगदान देगा। राज्य का लक्ष्य इस तरह की प्रगति का होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब आप ऐसा कुछ करते हैं, तो कोई भी रोजगार के लिये बाहर नहीं जाएगा. भारत के 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है और इसमें उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.’’
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि छोटे उद्यमियों को भी अपने उत्पादों का निर्यात करने के लिये एक मंच मिले. उन्होंने एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डों के मामले में राज्य में बुनियादी ढांचे के तेजी से बदलाव की सराहना की.
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