Kolkata RG Kar Case: CM ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच दो घंटे हुई बैठक
Mamata Banerjee | ANI

कोलकाता, 21 अक्टूबर: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बाद जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए सोमवार शाम को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के बीच राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ में करीब दो घंटे बैठक हुई. दोनों पक्षों ने चिकित्सकों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की.

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के एक वर्ग द्वारा जारी भूख हड़ताल के 17वें दिन आयोजित इस बैठक का पहली बार राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ से सीधा प्रसारण किया गया. बैठक में बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों से बार-बार अनशन समाप्त करने का आग्रह किया और कहा कि उनकी अधिकांश मांगों पर विचार किया जा चुका है. हालांकि, उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को हटाने की प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग को खारिज कर दिया.

मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘‘आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कई जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों को उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन किए बिना निलंबित कर दिया गया. इन छात्रों या रेजिडेंट डॉक्टरों को सिर्फ शिकायतों के आधार पर कैसे निलंबित किया जा सकता है? कॉलेज प्रशासन को राज्य सरकार को सूचित किए बिना ऐसा कदम उठाने का अधिकार किसने दिया? क्या यह ‘धमकाने की संस्कृति’ नहीं है?’’

CM ममता ने जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की

इसके बाद, आंदोलनकारी डॉक्टर अनिकेत महतो, जिन्हें पांच दिनों की भूख हड़ताल के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था, ने बनर्जी का प्रतिवाद करते हुए कहा कि जिन लोगों को निलंबित किया गया है, वे ‘‘धमकाने की संस्कृति का हिस्सा रहे हैं और डॉक्टर होने के लायक नहीं हैं.’’

महतो ने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़े तो राज्य सरकार उनके प्रदर्शन का आकलन कर सकती है और फिर फैसला ले सकती है. छात्र होने की आड़ में इन गुंडों ने मेडिकल कॉलेज परिसर का माहौल खराब कर दिया है. अगर आप उनकी उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा जांचेंगे, तो पाएंगे कि ये छात्र उत्तीर्ण होने के भी लायक नहीं हैं.’’

जूनियर डॉक्टर पिछले 17 दिनों से आमरण अनशन पर हैं और वे मृत डॉक्टर के लिए न्याय तथा राज्य के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में व्यवस्थागत बदलाव की मांग कर रहे हैं. भूख हड़ताल पर बैठे छह डॉक्टरों को बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि आठ अन्य अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. उनकी मांग है कि राज्य सरकार गतिरोध को दूर करने के लिए 21 अक्टूबर तक ठोस कार्रवाई करे. बनर्जी ने उनकी मांगों पर गौर करने का वादा किया है.

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