अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद पहली बार जनता को संबोधित किया और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का आश्वासन दिया. बाइडेन ने ट्रंप से फोन पर बात कर उन्हें बधाई दी और कहा कि उनकी टीम ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगी. अपने संबोधन में बाइडेन ने अमेरिकी चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि यह एक ऐसी प्रणाली है जिस पर जनता को पूरा भरोसा होना चाहिए. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अब हम चुनाव प्रणाली की अखंडता पर सवाल उठाना बंद कर सकते हैं. हमारी प्रणाली निष्पक्ष, पारदर्शी और जनता के भरोसे के योग्य है."
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बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने पिछले 200 वर्षों से स्वशासन का सबसे बड़ा प्रयोग किया है, जिसमें जनता अपने नेताओं को चुनती है और यह सब शांतिपूर्ण तरीके से होता है. उन्होंने कहा, 20 जनवरी को सत्ता का हस्तांतरण पूरी तरह से शांति और सौहार्द के साथ होगा.
ट्रंप की जीत के बाद बाइडेन का पहला संबोधन
#WATCH | Washington, DC: US President Joe Biden says "I also hope we can lay to rest the question about the integrity of the American electoral system. It is honest, it is fair, and it is transparent. It can be trusted, win or lose...On January 20th, we'll have a peaceful… pic.twitter.com/rCyQQyDGyR
— ANI (@ANI) November 7, 2024
बाइडेन ने अपने प्रशासन को निर्देश दिया है कि ट्रंप की टीम के साथ पूरी तरह से सहयोग करें ताकि इस हस्तांतरण प्रक्रिया में कोई व्यवधान न हो. बाइडेन ने कहा कि यह अमेरिकी जनता का अधिकार है कि उन्हें एक स्थिर और सुचारु सत्ता हस्तांतरण मिले.
लोगों की इच्छा ही लोकतंत्र की असली ताकत: बाइडेन
बाइडेन ने कहा कि "लोगों की इच्छा ही लोकतंत्र की असली ताकत है, और सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण यही सिद्ध करता है." बाइडेन ने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनकी टीम को भी गर्व महसूस होना चाहिए, जिन्होंने प्रेरणादायक चुनाव अभियान चलाया.
बाइडेन ने कहा कि, "हम अमेरिका को एक मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ छोड़कर जा रहे हैं. यह सत्ता का हस्तांतरण हमें भविष्य की ओर और प्रगति के रास्ते पर आगे ले जाएगा."
बाइडेन ने कहा कि "अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और ईमानदार है. चाहे हार हो या जीत, यह प्रक्रिया पूरी तरह से विश्वास योग्य है और इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए." उनके इस संबोधन ने उन लोगों को भी एक संदेश दिया जो चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे थे.