रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि भारत, चीन और ब्राज़ील संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं, जो यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष को हल करने के लिए हो सकती हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, पुतिन ने इन तीन देशों को वार्ता के लिए उपयुक्त मध्यस्थ बताया.
पुतिन ने इस बात का भी जिक्र किया कि युद्ध की शुरुआत के कुछ हफ्तों बाद, इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच एक प्रारंभिक समझौता हुआ था, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया. उन्होंने सुझाव दिया कि यही समझौता भविष्य की वार्ता के लिए एक आधार बन सकता है.
भारत, चीन, और ब्राज़ील की भूमिका
भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देश वैश्विक मंच पर बड़ी भूमिका निभाते हैं और पुतिन के अनुसार, उनकी तटस्थता और कूटनीतिक शक्ति इस स्थिति में समाधान ढूंढने में सहायक हो सकती है.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस संघर्ष ने न केवल दोनों देशों बल्कि दुनिया भर को प्रभावित किया है. ऐसे में इन शक्तिशाली देशों की मध्यस्थता से शांति प्रक्रिया की शुरुआत की संभावना बढ़ सकती है.
Russian President Vladimir Putin said today that China, India and Brazil could act as mediators in potential peace talks over Ukraine: Reuters https://t.co/jE9kcasDpq pic.twitter.com/xhDrFPTQ48
— ANI (@ANI) September 5, 2024
पहले की वार्ता और नई उम्मीदें
युद्ध के शुरुआती हफ्तों में इस्तांबुल में जो वार्ता हुई थी, उसे लागू नहीं किया जा सका, लेकिन पुतिन ने कहा कि इसे फिर से उठाया जा सकता है. हालाँकि, इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति और मध्यस्थ देशों की सक्रिय भूमिका की आवश्यकता होगी.
इससे यह सवाल उठता है कि क्या भारत, चीन और ब्राज़ील वास्तव में इस संघर्ष में प्रभावी मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं और क्या इससे यूक्रेन और रूस के बीच एक स्थायी शांति समझौता हो पाएगा.
यूक्रेन-रूस युद्ध ने अब तक बहुत तबाही मचाई है और इस स्थिति को हल करने के लिए वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है. पुतिन के सुझाव ने एक नई संभावना का संकेत दिया है कि अगर भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देश मध्यस्थता करते हैं, तो शायद इस संघर्ष का समाधान निकल सके. अब देखना यह होगा कि भविष्य में शांति वार्ता कैसे आगे बढ़ती है और इन देशों की भूमिका क्या होती है.