France Terror Attack: नीस आतंकी हमले के बाद फ्रांस ने 183 पाकिस्तानियों का वीसा किया रद्द, जबरन वापस भेजा?
फ्रांस में संदिग्ध आतंकी हमला (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: फ्रांस (France) में पैगंबर मोहम्मद साहब के कथित कार्टून को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच सोशल मीडिया पर भी इस मसले को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है. ऐसी ही एक खबर आई कि फ्रांस ने पाकिस्तान के 183 नागरिकों का वीसा इसलिए रद्द कर दिया, क्योकि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने फ्रांस विरोधी बयान दिया था. जबकि फ्रांस सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है. फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी, मैक्रों ने लोगों को अपनी बात समझाने का प्रयास किया

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि फ्रांस ने मुस्लिम देशों के दबाव बनाने के मंसूबे को नाकाम करते हुए 183 पाकिस्तानियों का विजिटर वीजा रद्द कर दिया. इसमें पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा (Ahmad Shuja Pasha) की बहन भी शामिल है. इसके आलावा सभी को फ्रांस से जबरन डिपोर्ट करने की भी बात कही जा रही थी. पाकिस्तानी संसद पर 2014 में हुए हमले के मामले में इमरान खान दोषमुक्त करार

फ्रांस सरकार के खिलाफ पाकिस्तान के तमाम नेता लगातार जहर उगल रहे है, लेकिन इसके बावजूद भी फ्रांस उन बयानबाजियों को दरकिनार कर रहा है. हाल ही में फ्रांस की आलोचना करते हुए इमरान खान ने मुस्लिम देशों को पत्र लिखकर पश्चिमी देशों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि इस्लामोफोबिया से ग्रस्त पश्चिम देशों की लीडरशिप को सही रास्ते पर लाने के लिए मुस्लिम देशों का एकजुट होना आवश्यक है.

उल्लेखनीय है कि पैगंबर मोहम्मद साहब के कथित कार्टून को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के रुख से मुलिम समुदाय नाराज है. दुनियाभर के मुस्लिम राजनेताओं, धार्मिक विद्वानों और लोगों ने फ्रांस में पैगंबर मोहम्‍मद साहब पर कार्टून के प्रकाशन की निंदा की है और इसे इस्लाम के लिए अपवित्र और अपमानजनक बताया. वहीं दूसरी ओर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दुनियाभर के मुसलमानों को उनकी बात समझने का संदेश देने की कोशिश की. राष्ट्रपति मैक्रों ने कतर के अरबी टीवी स्टेशन अल-जजीरा के साथ साक्षात्कार में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का भी बचाव किया.

राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि मीडिया में उनके शब्दों का कुछ गलत अनुवाद किया गया जिसमें पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून के प्रकाशन का उन्हें समर्थन करते हुए दिखाया गया. उन्होंने कहा ‘‘मैंने कभी ऐसा नहीं कहा.’’ लेकिन इन कार्टूनों के कारण हिंसा करना सही नहीं है.

इस कार्टून विवाद के बाद ही फ्रांस के नीस (Nice) शहर में गुरुवार को एक चर्च पर इस्लामिक चरमपंथी हमलावर द्वारा चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की जान चली गई थी. जबकि आरोपी हमलावर इब्राहिम ईसाओई पुलिस की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हो गया और वह गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे ‘‘इस्लामी आतंकवादी हमला’’ कहा था.