How ATM Machine Works: कैसे काम करता है ATM? जानिए पैसा निकलने तक की पूरी प्रक्रिया

How Does an ATM Machine Work? आज हमारी ज़िंदगी में एटीएम (Automated Teller Machine) एक बहुत ही आम और ज़रूरी हिस्सा बन गया है. बैंक की लंबी लाइनों में लगे बिना, अब हम कुछ ही मिनटों में पैसे निकाल सकते हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप एटीएम में अपना कार्ड डालते हैं, तो अंदर ऐसा क्या होता है कि मशीन फटाफट नोट गिनकर आपके हाथ में थमा देती है? चलिए, आज हम इसी पूरी प्रक्रिया को आसान भाषा में समझते हैं.

एटीएम से पैसा निकालने का आसान सफ़र

हम सभी इस प्रक्रिया से वाकिफ़ हैं, लेकिन आइए इसे एक बार फिर से देखें:

  1. कार्ड डालना: सबसे पहले आप एटीएम मशीन में अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड डालते हैं.
  2. भाषा का चुनाव: इसके बाद मशीन आपसे आपकी पसंदीदा भाषा चुनने को कहती है.
  3. पिन डालना: फिर आपसे आपका 4 अंकों का गुप्त पिन (Personal Identification Number) मांगा जाता है.
  4. सेवा का चुनाव: पिन सही डालने पर आपके सामने कई विकल्प आते हैं, जैसे - पैसे निकालना, बैलेंस चेक करना, मिनी स्टेटमेंट आदि. आप ‘पैसे निकालना’ (Cash Withdrawal) चुनते हैं.
  5. रकम डालना: अब आप वह रकम डालते हैं जो आपको निकालनी है.
  6. खाते का प्रकार: आपसे आपके खाते (बचत या चालू) का प्रकार पूछा जाता है.
  7. पैसा और रसीद: कुछ ही सेकंड में मशीन से गिने-गिनाए नोट बाहर आ जाते हैं और साथ ही एक रसीद भी मिलती है, जिसमें आपके लेनदेन की जानकारी होती है.

यह तो हुई वो कहानी जो हमें स्क्रीन पर दिखती है. अब जानते हैं कि इस दौरान पर्दे के पीछे क्या होता है.

पर्दे के पीछे की तकनीक: क्या होता है मशीन के अंदर?

जैसे ही आप अपना कार्ड मशीन में डालते हैं, असली काम वहीं से शुरू होता है.

पहला कदम: आपकी पहचान

आपके कार्ड के पीछे एक काली पट्टी (Magnetic Stripe) या आगे की तरफ एक चिप होती है. इसमें आपके बैंक खाते की जानकारी सुरक्षित होती है. एटीएम का ‘कार्ड रीडर’ इस जानकारी को पढ़ लेता है.

दूसरा कदम: आपका गुप्त कोड

जब आप कीपैड पर अपना पिन डालते हैं, तो वह तुरंत एक सुरक्षित कोड में बदल जाता है (Encrypted हो जाता है). ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कोई भी आपकी जानकारी को हैक न कर सके.

तीसरा कदम: बैंक को संदेश भेजना

अब एटीएम एक मेज़बान प्रोसेसर (Host Processor) से जुड़ता है, जो एक तरह से सभी बैंकों के नेटवर्क का गेटवे है. एटीएम आपके कार्ड की जानकारी और पिन को इस प्रोसेसर के ज़रिए आपके बैंक के सर्वर को भेजता है.

चौथा कदम: बैंक से अनुमति मिलना

आपका बैंक का सर्वर यह जांचता है कि:

  • क्या कार्ड और पिन सही हैं?
  • क्या आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस है?
  • क्या आप दिन में पैसे निकालने की सीमा (Daily Withdrawal Limit) से ज़्यादा तो नहीं निकाल रहे?

सब कुछ सही होने पर, बैंक का सर्वर एटीएम को पैसे देने की अनुमति (Authorization) दे देता है.

पांचवां और आखिरी कदम: नोटों की गिनती और निकासी

बैंक से हरी झंडी मिलते ही, एटीएम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा - कैश डिस्पेंसर (Cash Dispenser) - अपना काम शुरू करता है.

  • यह मशीन के अंदर रखे गए नोटों के बॉक्स में से आपके द्वारा मांगी गई रकम के अनुसार नोटों को उठाता है.
  • इसमें लगे सेंसर हर नोट को गिनते हैं और यह भी सुनिश्चित करते हैं कि कोई दो नोट आपस में चिपके हुए न हों या कोई फटा-पुराना नोट बाहर न आ जाए.
  • पूरी रकम गिनने के बाद, मशीन उसे बाहर स्लॉट में भेज देती है और आप अपना पैसा ले लेते हैं.

इसी के साथ, एटीएम आपके लेनदेन का रिकॉर्ड भी दर्ज कर लेता है और आपको एक रसीद प्रिंट करके देता है.

अब बिना कार्ड के भी निकलता है पैसा!

तकनीक के विकास के साथ अब आप बिना एटीएम कार्ड के भी पैसे निकाल सकते हैं. कई बैंक अब UPI के ज़रिए यह सुविधा दे रहे हैं. इसमें आपको एटीएम स्क्रीन पर ‘UPI Cash Withdrawal’ का विकल्प चुनना होता है. फिर आप जितनी रकम निकालना चाहते हैं, उसे दर्ज करते हैं. स्क्रीन पर एक QR कोड दिखाई देता है, जिसे आप अपने फ़ोन के UPI ऐप (जैसे Google Pay, PhonePe) से स्कैन करके अपना पिन डालते हैं और एटीएम से कैश बाहर आ जाता है.

तो अगली बार जब आप एटीएम जाएं, तो याद रखिएगा कि यह सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि एक बेहद सुरक्षित और तेज़ नेटवर्क का कमाल है, जो सेकंडों में आपके बैंक से जुड़कर आपकी ज़रूरत पूरी करता है.