
अमेरिकी अरबपति जेफ बेजोस से जुड़ी एक अहम सैटेलाइट अंतरिक्ष में गुम हो गई है. यह सैटेलाइट जलवायु परिवर्तन के लिहाज से अहम मीथेन गैस को ट्रैक कर रही थी.जलवायु परिवर्तनको समझने के लिए बहुत ही अहम डेटा जुटा रही इस सैटेलाइट का नाम मीथेनसैट था. मीथेनसैट के गुम होने की जानकारी, बुधवार को न्यूजीलैंड की स्पेस एजेंसी ने दी. न्यूजीलैंड की अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी एंड्र्यू जॉनसन ने मीथेनसैट के लापता होने को बेहद अफसोसजनक बताया है. प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों के मुताबिक बीते कुछ समय से मीथेनसैट उपग्रह में तकनीकी दिक्कतें आ रही थीं. सैटेलाइट ने पृथ्वी से कनेक्ट कंट्रोलरों की कमांड लेना बंद कर दिया था.
मीथेनसैट को मार्च 2024 में कैलिफोर्निया से लॉन्च किया गया था. स्पेस एक्स का एक रॉकेट इसे लेकर गया था. लॉन्च के साल भर बाद 20 जून को पहली बार कंट्रोलरों का सैटेलाइट से संपर्क टूटा. इसके बाद सैटेलाइट बीच में बीच खुद ही स्लीप मोड या स्टैंडबाय मोड पर जाने लगी. इससे निपटने के लिए हर बार इंजीनियरों को रिसेट की लंबी प्रक्रिया करनी पड़ रही थी.
हाल ही में यह भी पता चला कि सैटेलाइट को ताकत देने वाले तीन थ्रस्टरों में से एक खराब हो चुका है. फिर कंट्रोलरों ने बताया कि मीथेनसैट सारी पावर खो चुकी है और उन्हें "सैटेलाइट को रिकवर करने की कोई उम्मीद नहीं है."
बुधवार को एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा, "इंजीनियरिंग टीमें विस्तृत ढंग से इस बात की जांच कर रही है कि कम्युनिकेशन लॉस कैसे हुआ." टीम के मुताबिक असली कारण सामने लाने में समय जरूर लगेगा लेकिन इससे जुड़े सबक साझा किए जाएंगे.
फंडिंग के जरिए भेजी गई थी मीथेनसैट सैटेलाइट
इस सैटेलाइट प्रोजेक्ट को अमेरिकी अरबपति और एमेजॉन के संस्थापक जेफ बेजोस, न्यूजीलैंड सरकार और अमेरिका के एक पर्यावरण सुरक्षा फंड ने फंड किया था. क्लाइमेट चेंज मिशन के तहत पृथ्वी की परिक्रमा कर रही यह सैटेलाइट जलवायु को गर्म करने वाली मीथेन गैस के उत्सर्जन स्रोतों का पता लगा रही थी.
मीथेन एक ग्रीनहाउस गैस है. यह पृथ्वी के वायुमंडल में एक आवरण की भूमिका निभाती है. ग्रीनहाउस गैसों की ही मदद से पृथ्वी पर जीवन के लिए जरूरी गर्माहट बनी रहती है. लेकिन इन गैसों की अधिकता गर्मी को वायुमंडल से बाहर निकलने से रोकती है और इस तरह पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है.
अमेरिका का एन्वायर्नमेंट डिफेंस फंड इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहा था. फंड ने सैटेलाइट खोने को "मुश्किल खबर" बताते हुए कहा कि इस झटके के बावजूद वह मीथेन ट्रैक करने के अभियान को बंद नहीं करेगा. प्रोजेक्ट प्रमुख स्टीव हैम्बर्ग के मुताबिक मीथेनसैट से मिले शुरुआती डेटा ने बताया कि यह सैटेलाइट "बहुत ही जबरदस्त" थी.
मीथेनसैट की टीम के मुताबिक, "यह अंतरिक्ष में मीथेन का पता लगाने वाली सबसे आधुनिक सैटेलाइटों में से एक थी. यह दुनिया भर में तेल और गैस उत्पादन करने वालों इलाकों में होने वाली मीथेन उत्सर्जन को माप रही थी."