जिस खिलाड़ी की वजह से लॉर्ड्स में 'दादा' ने लहरायी थी टीशर्ट, उसने क्रिकेट को कहा अलविदा
सौरव गांगुली ने लहरायी थी टीशर्ट (Photo Credit-Facebook)

नई दिल्ली. भारत को 2002 में आज ही की तारीख को इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल जिताने वाले बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने उस मैच की 16वीं वर्षगांठ पर क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की. कैफ ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए इस बात की जानकारी दी. कैफ (37) ने ट्विटर लिखा, "जब मैंने क्रिकेट खेलने की शुरुआत की थी तो मेरा सपना अपने देश के लिए खेलना था. मैं काफी सौभाग्यशली हूं कि मैं मैदान पर उतरा और अपने देश का 190 दिन प्रतिनिधित्व किया. आज मेरे लिए सही दिन है. मैं सभी तरह की प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करता हूं. आप सभी का शुक्रिया."

कैफ ने नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मैच में 325 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए लड़खड़ाई भारतीय पारी को युवराज सिंह के साथ संभाला था और छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत दिलाई थी.

कैफ ने लार्ड्स के मैदान पर खेले गए इस मैच में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी.

वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने कैफ द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को दिए बयान के हवाले से लिखा है, "मैं आज संन्यास ले रहा हूं. आज उस ऐतिहासिक नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल को 16 साल हो गए हैं जिसका हिस्सा बनकर मैं काफी खुश हूं."

कैफ ने भारत के लिए 125 वनडे मैच खेले जिनमें 32.01 की औसत से 2753 रन बनाए. उनका सर्वोच्च स्कोर 111 रहा. उन्होंने अपने वनडे करियर में दो शतक और 17 अर्धशतक लगाए.

कैफ ने भारत के लिए 13 टेस्ट मैच भी खेले. खेल के लंबे प्रारूप में कैफ का औसत 32.84 का रहा जिसकी मदद से उन्होंने 22 पारियों में 624 रन बनाए हैं. टेस्ट में कैफ के नाम एक शतक और तीन अर्धशतक हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 148 है.

कैफ को भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों में से एक माना जाता है. वह 2003 में विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे.

कैफ ने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच 2006 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर खेला था. वह अंडर-19 टीम के कप्तान के तौर पर भारत को विश्व कप भी दिला चुके हैं.

कैफ घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश से खेला करते थे, लेकिन छत्तीसगढ़ को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद कैफ छत्तीसगढ़ की रणजी टीम के कप्तान के तौर पर घरेलू क्रिकेट खेल रहे थे. छत्तीसगढ़ जाने से पहले वह दो सीजन आंध्र प्रदेश से भी खेल चुके थे.