Fact Check: संभल में कावंड यात्रा देखने गए दलितों को खंभे से बांधकर पीटा? भ्रामक तरीके से वायरल हो रहा VIDEO, जानें असली सच
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Sambhal Dalit Kanwar Yatra Violence Fact check: उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक मारपीट की घटना सामने आई है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. कुछ यूजर्स का कहना है कि दो दलित युवक कांवड़ यात्रा देखने गए थे, इसीलिए उन्हें खंभे से बांधकर पीटा गया. लेकिन जब इस मामले की पड़ताल की गई, तो सामने आई हकीकत इन दावों से थोड़ी अलग निकली. घटना 22 जुलाई की है. पीड़ित सुंदर और उसका साथी शनि बाइक से 'बढ़ई वाली बस्ती' में गए थे. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो अपनी मां की दवाई लेने निकले थे.

वहीं एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि वो कांवड़ यात्रा देखने गए थे. इसी दौरान स्थानीय लोगों ने उन्हें चोर समझ लिया और बिजली के खंभे से बांधकर लाठी-डंडों से पीटा.

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संभल में कांवड़ यात्रा देखने गए दो दलित युवकों को हिंदू भीड़ ने खंभे से बांधकर पीटा?

पीड़ित की मां ने दर्ज कराई शिकायतें

इस मामले को लेकर पीड़ित की मां सुनीता ने दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई हैं. पहली शिकायत 25 जुलाई को दी गई, जिसमें दवाई लेने की बात कही गई और जाति का कोई जिक्र नहीं है. जबकि 26 जुलाई को दूसरी शिकायत में बताया गया कि वो कांवड़ देखकर लौट रहे थे और मारपीट के दौरान जातिसूचक बातें की गईं. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है.

घटना का वीडियो भी हुआ था वायरल

जब इस घटना से जुड़े वीडियो को देखा गया, तो उसमें कुछ लोग पीड़ित युवक से उसका नाम, गांव और पहचान पत्र मांगते नजर आए. वीडियो में कहीं भी जाति को लेकर कोई बात नहीं कही गई है. बल्कि ऐसा लग रहा है कि पहले पीटा गया और फिर उनसे पूछा गया कि वो कौन हैं.

इस घटना में कोई जाति का एंगल नहीं

स्थानीय पुलिस का भी कहना है कि इस घटना में जाति का एंगल नहीं है. संभल के नखासा थाना प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया कि इस वक्त कई जिलों में ड्रोन से चोरी-जासूसी की अफवाहें फैली हुई हैं. इस वजह से लोग संदिग्ध दिखने वाले किसी भी बाहरी व्यक्ति को चोर समझकर हमला कर रहे हैं.

फिर क्यों उड़ाई गई फर्जी अफवाह?

दरअसल, संभल ही नहीं, मुरादाबाद, हापुड़, रामपुर और अमरोहा जैसे जिलों में ग्रामीणों ने रात में पहरे देने शुरू कर दिए हैं. कई जगह तो लोगों ने अपने-अपने गांव में बाहरी व्यक्ति की एंट्री बंद कर दी है. हापुड़ में एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति और एक युवक को ड्रोन से जासूसी के शक में पीटा गया. मुरादाबाद में बिजली विभाग के कर्मचारी को भी इसी शक में गंभीर रूप से घायल कर दिया गया.

डर और पहचान न होने से हुई हिंसा

संभल की यह घटना बेहद गंभीर है और दोषियों पर कार्रवाई भी हो रही है. लेकिन सोशल मीडिया पर जो दावा किया जा रहा है कि दलित होने की वजह से पिटाई हुई, उसकी पुष्टि किसी ठोस सबूत से नहीं होती. पुलिस और स्थानीय लोगों के मुताबिक यह मामला अफवाह, डर और पहचान न होने के चलते हुई हिंसा का है, ना कि सिर्फ जातीय कारण से.