Chhath Puja 2019: उत्तर भारत में अब दिवाली के बाद छठ पूजा (Chhath Puja) की तैयारी शुरू हो चुकी है. इस त्योहार को उत्तर भारत के बिहार राज्य में बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. बिहार के साथ ही उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में छठ पूजा की अनूठी छवि देखने को मिलती है. तकरीबन चार दिन तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठ माई पूजा, सूर्य षष्ठी जैसे कई नामों से जाना जाता है. छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्यदेव (Surya Dev) की उपासना का पावन पर्व है, जो कि चार दिनों तक चलता है. अगर आप इस साल छठ पूजा करने की योजना बना रहे हैं तो इससे जुड़ी सभी सामग्रियों के बारे में जान लें.
आप अगर पहली बार छठ पूजा सामग्री लें रहे हैं तो पहले महिला अपने लिए नए कपड़े ले, जैसे कि ड्रेस, साड़ी, सलवार-कमीज और पुरुषों के लिए कुर्ता-पजामा, धोती या जो उन्हें सुविधाजनक हो. उसके बाद छठ पूजा प्रसाद रखने के लिए बांस से बनी दो बड़ी-बड़ी टोकरियां जरुर खरीदें. यह टोकरियों आप पूजा के लिए खरीदे हुए फल, सब्जियां इत्यादि सामान को रखने के काम में आएंगी. अब इसके बाद आप सूप ले जो कि बांस या फिर पीतल के हो सकते हैं, साथ ही आपको दूध अथवा जल के लिए एक ग्लास, एक लोटा और थाली भी अपने सामग्री में शामिल करना होगा.
इन सबके बाद आपको प्रसाद के लिए लेने होने पत्ते लगे हुए 5 गन्ने. गन्नो के बाद आपको पानी वाला नारियल रखना होगा. इसके बाद चावल, सिंदूर, दीपक और धूप बत्ती भी शामिल करें, जो कि आपको पूजा के समय उपयोग में आएंगे. अब हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा, बड़ा वाला मीठा नींबू जिसे डाभ भी कहा जाता है, साथ ही शरीफा, केला और नाशपाती भी अपनी पूजा के सामान में शामिल करें.
अब अनाज से बने हुए प्रसाद में ठेकुआ जरुर बनाएं. यह गुड़ और गेहूं के आटे से बनाया जाता है. यह छठ पूजा का प्रमुख प्रसाद होता है, इसके बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है. ठेकुआ के बाद दूसरा अनाज का प्रसाद होता है चावल के आटे से बना लड्डू, जिसे स्थानीय भाषा में कसार कहते हैं. आपको अपने पूजा के सामान में इन सभी सामग्रियों को शामिल करना अनिवार्य है. इनके बिना पूजा को अधुरा माना जाता है. आप चाहें तो इनके अलावा और भी फल या सब्जी शामिल कर सकते हैं.