World Oceans Day 2019: इंसानों, प्राणियों और विविध प्रकार के जीव-जंतुओं का जीवन महासागरों पर निर्भर है. दुनिया में फैले विशाल समंदर (Oceans) सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत उपयोगी माने जाते हैं. इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. हालांकि आधुनिकता के इस दौर में महासागरों में तेजी से प्रदूषण फैल रहा है और समंदर पर आश्रित लाखों जीवों के जीवन पर बड़ा संकट मंडरा रहा है. महासागरों के प्रति लोगों जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस (World Oceans Day 2019) मनाया जाता है.
विश्व महासागर दिवस के इस बेहद खास मौके पर चलिए जानते हैं इसका इतिहास (History), इस साल का विषय (World Oceans Day 2019 Theme) और इस दिवस को मनाने का उद्देश्य क्या है? ताकि हम भी महासागरों के संरक्षण की दिशा में अपना अहम योगदान दे सकें.
कैसे हुई इसकी शुरुआत?
विश्व महासागर दिवस (World Oceans Day) महासागरों को सम्मान देने, उनकी रक्षा और संरक्षण करने का अवसर प्रदान करता है. दरअसल, कनाडा सरकार ने साल 1992 में रियो डी जनेरियो में आयोजित पृथ्वी सम्मेलन के दौरान विश्व महासागर दिवस की स्थापना का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2008 में 8 जून को विश्व महासागर दिवस को आधिकारिक तौर पर मनाने की मान्यता दी. तब से हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: World Environment Day 2019: पर्यावरण के लिए घातक और विनाशकारी साबित हो रही हैं ये चीजें, इन पर लगाम लगाना है बेहद जरूरी
क्या है साल 2019 का विषय?
महासागर अपने भीतर और अपने आसपास कई छोटे-छोटे जीवों और विविध प्रकार की वनस्पतियों को पनाह देते हैं. ऐसे में विश्व महासागर दिवस पर लोगों को महासागरों के संरक्षण को लेकर जागरूक करने के लिए अलग-अलग विषय निर्धारित किए जाते हैं. साल 2019 में विश्व महासागर दिवस की थीम है लिंग और महासागर (Gender and the Ocean).
क्यों मनाया जाता है यह दिन?
संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है. इसके जरिए महासागरों के महत्व से लोगों को रूबरू कराया जाता है. इसके अलावा इससे संबंधित खाद्य सुरक्षा, जैव विविधता, परिस्थिति संतुलन जैसी चीजों की ओर राजनीतिक और सामाजिक ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की जाती है. संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में निश्चित किए गए टिकाऊ विकास के लक्षणों में महासागरों के संरक्षण और उनके टिकाऊ उपयोग को शामिल किया गया है. यह भी पढ़ें: International Day of Forests 2019: क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय वन दिवस, जानिए कैसे जंगलों की लगातार घटती संख्या बन रही है पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती
महासागरों पर निर्भर है 30 फीसदी आबादी
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की करीब 30 फीसदी आबादी तटीय इलाकों में रहती है और उनका जीवन महासागरों पर निर्भर है. विश्व के तमाम देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महासागरों का विशेष योगदान है. महासागरों से ही पेट्रोलियम सहित अनेक महत्वपूर्ण संसाधन प्राप्त होते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, करीब 10 लाख जीवों की प्रजातियां समंदर में ही रहती हैं, जिनमें विशालकाय व्हेल से लेकर सबसे सूक्ष्म जीव भी शामिल हैं. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन सहित मौसम में आनेवाले अनेकों बदलाव की जानकारी प्रदान करने में भी महासागरों का महत्वपूर्ण योगदान होता है.
महासागरों का संरक्षण है बेहद जरूरी
आज के इस दौर में इंसान इतने ज्यादा स्वार्थी हो गए हैं कि वो अपने फायदे के लिए कई चीजों को नजरअंदाज करके महासागरों को तेजी से प्रदूषित कर रहे हैं. हैरत की बात तो यह है कि हर साल अरबो टन प्लास्टिक का कचरा महासागरों में जमा होता है. ये कचरा आसानी से गलता नहीं है, इसलिए ये समंदर पर आश्रित जीवों और वनस्पतियों के लिए खतरनाक है.
गौरतलब है कि पृथ्वी पर जीवन के संतुलन को बनाए रखने के लिए महासागरों का संरक्षण और बचाव बेहद जरूरी है. अगर हम इसी रफ्तार से महासागरों को गंदा करते रहेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब इंसानों के साथ प्राणियों और वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.