
Rakesh Pandey Passes Away; दिग्गज फिल्म और टेलीविजन अभिनेता राकेश पांडे का शुक्रवार, 21 मार्च 2025 को मुंबई में निधन हो गया. वह 76 वर्ष के थे. उनकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट (हृदयगति रुकने) के कारण हुई. अभिनेता को मुंबई के जुहू स्थित भारतीय आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. राकेश पांडे भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII), पुणे और भारतेंदु नाट्य अकादमी, लखनऊ के पूर्व छात्र थे. वह थिएटर से गहराई से जुड़े रहे और इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन (IPTA) का हिस्सा भी रहे.
हिंदी फिल्मों में राकेश पांडे
राकेश पांडे ने अपने करियर की शुरुआत बासु चटर्जी की फिल्म सारा आकाश (1969) से की, जिसमें उन्होंने समर का किरदार निभाया. इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार मिला. पिछले 25 वर्षों में उन्होंने चैंपियन (2000), दिल चाहता है (2001), इंडियन (2001), देवदास (2002), लक्ष्य (2004), ब्लैक (2005) और द राइज़ ऑफ सुदर्शन चक्र (2023) जैसी फिल्मों में काम किया. उनके करियर की अन्य प्रमुख फिल्में अमर प्रेम (1972), वो मैं नहीं (1974) और ईश्वर (1989) हैं.
Rakesh Pandey in Sara Akash (Photo Credit: Film Still)
टेलीविजन में अहम योगदान
टेलीविजन जगत में भी राकेश पांडे का अहम योगदान रहा. वह दूरदर्शन के प्रतिष्ठित धारावाहिक भारत एक खोज (1988) में नजर आए. इसके अलावा, उन्होंने शक्तिमान (1997), छोटी बहू (2008) और दहलीज़ (2016) जैसे सीरियल्स में भी काम किया.
भोजपुरी सिनेमा में योगदान
भोजपुरी फिल्मों में भी राकेश पांडे का योगदान उल्लेखनीय रहा. उन्होंने बलम परदेसिया (1979) और भैया दूज (1984) जैसी फिल्मों में अभिनय किया. साथ ही, वह कथित रूप से पहली भोजपुरी टीवी सीरियल सांची पिरितिया में भी नजर आए थे. उन्हें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए चौथा भोजपुरी फिल्म पुरस्कार (लाइफटाइम अचीवमेंट) भी मिला.
राकेश पांडे की हृदय गति रुकने से मृत्यु
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निधन और अंतिम संस्कार
राकेश पांडे का अंतिम संस्कार 22 मार्च को अंधेरी वेस्ट, मुंबई के शास्त्री नगर श्मशान घाट में किया गया. वह अपने पीछे पत्नी और बेटी को छोड़ गए हैं. उनके अभिनय और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.
टेलीविजन में अहम योगदान
टेलीविजन जगत में भी राकेश पांडे का अहम योगदान रहा. वह दूरदर्शन के प्रतिष्ठित धारावाहिक भारत एक खोज (1988) में नजर आए. इसके अलावा, उन्होंने शक्तिमान (1997), छोटी बहू (2008) और दहलीज़ (2016) जैसे सीरियल्स में भी काम किया.
भोजपुरी सिनेमा में योगदान
भोजपुरी फिल्मों में भी राकेश पांडे का योगदान उल्लेखनीय रहा. उन्होंने बलम परदेसिया (1979) और भैया दूज (1984) जैसी फिल्मों में अभिनय किया. साथ ही, वह कथित रूप से पहली भोजपुरी टीवी सीरियल सांची पिरितिया में भी नजर आए थे. उन्हें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए चौथा भोजपुरी फिल्म पुरस्कार (लाइफटाइम अचीवमेंट) भी मिला.
राकेश पांडे की हृदय गति रुकने से मृत्यु
निधन और अंतिम संस्कार
राकेश पांडे का अंतिम संस्कार 22 मार्च को अंधेरी वेस्ट, मुंबई के शास्त्री नगर श्मशान घाट में किया गया. वह अपने पीछे पत्नी और बेटी को छोड़ गए हैं. उनके अभिनय और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.