क्षय रोग एक संभावित संक्रामक बीमारी है. हर दिन करीब 4100 से अधिक लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं. करीब 28,000 लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं. साल 2000 से अब तक लगभग 6.60 लाख की जान बचाई गई है. इस बीमारी के प्रभाव को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर वर्ष 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाने की घोषणा की. इसका उद्देश्य इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के प्रयासों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और क्षय रोग समाप्त करने के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. 24 मार्च की यह तारीख 1882 के उस दिन को चिह्नित करती है, जब डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने बताया था, कि उन्होंने क्षय रोग के जीवाणुओं की खोज कर ली है, जिससे तपेदिक के निदान का रास्ता स्पष्ट हुआ. दुनिया को टीबी मुक्त बनाने में लोगों को जागरूक करना एक अच्छी पहल हो सकती है. जरूरी है, कि हम विश्व टीबी दिवस पर अपने मित्र-परिजनों को उपयोगी कोट्स भेजकर इस दिवस को सेलिब्रेट करें.
* ‘यह एक बड़ा आश्चर्य है कि फेफड़ों से निकलने वाले स्राव में, जो विशेष रूप से खतरनाक नहीं है, रोगी खुद को निराश नहीं करते, भले ही अंतिम चरण के करीब हों’. यह भी पढ़ें : World Meteorological Day 2025: ‘हर ओस की बूंद और बारिश की बूंद के भीतर कभी एक पूरा स्वर्ग होता था.’ अपनों को भेजें ऐसे प्रभावशाली कोट्स!
- कप्पादोसिया के एरेटियस
* ‘आज सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं है, बल्कि अवांछित होने की भावना है.’
- मदर टेरेसा
* ‘कल्पना और कल्पना हमारे वास्तविक जीवन का तीन चौथाई से अधिक हिस्सा बनाती है’.
-सिमोन वेइल
‘विश्व टीबी दिवस पर, हम 2030 तक टीबी महामारी को समाप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी पीछे न छूटे और सभी को उनकी जरूरत की देखभाल मिले.’
-नेल्सन मंडेला:
* ‘मैंने आज़ादी के लिए उस लंबे रास्ते पर चलना शुरू किया है. मैंने कोशिश की है कि मैं लड़खड़ाऊँ नहीं, मैंने रास्ते में कई गलत कदम उठाए हैं. लेकिन मैंने यह रहस्य खोज लिया है कि एक बड़ी पहाड़ी पर चढ़ने के बाद, कोई यह समझ पाता कि चढ़ने के लिए और भी कई पहाड़ियाँ हैं.’
-डॉ. पॉल फ़ार्मर, पार्टनर्स इन हेल्थ के सह-संस्थापक:
* ‘तपेदिक गरीबी और असमानता की बीमारी है, अगर हम इसे हराना चाहते हैं, तो हमें इसके मूल कारणों को संबोधित करना होगा. खराब रहने की स्थिति, स्वास्थ्य सेवा की कमी और अपर्याप्त संसाधन.’
-कोफी अन्नान, पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव:
* ‘तपेदिक के खिलाफ लड़ाई एक जरूरी वैश्विक चुनौती है. हमें अपने संकल्प को मजबूत रखना चाहिए और इससे प्रभावित सभी लोगों को उपचार और देखभाल प्रदान करने के प्रयासों को बढ़ाना चाहिए.’
डॉ. मारियो रविग्लियोन, पूर्व डब्ल्यूएचओ टीबी निदेशक:
* ‘हमारे पास टीबी के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त ज्ञान, उपकरण और संसाधन मौजूद हैं. चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि हर उस व्यक्ति को उपचार मिले जिसे इसकी आवश्यकता है.’
डॉ. हर्षवर्धन, भारत के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री:
* ‘मनुष्य बुद्धिमान है और हमें यह सुनिश्चित करने के लिए बुद्धिमानी से काम करना चाहिए कि दुनिया तपेदिक जैसी बीमारियों से मुक्त रहे.’
-अज्ञात
* ‘जीवन जीने के लिए है, और जीना धूम्रपान करने के लिए नहीं है। काम को फैलाएँ और घातक तपेदिक के बारे में जागरूक रहें.’
-अज्ञात













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