World Environment Day 2019: पर्यावरण के लिए घातक और विनाशकारी साबित हो रही हैं ये चीजें, इन पर लगाम लगाना है बेहद जरूरी
विश्व पर्यावरण दिवस 2019 (Photo Credits: File Image)

World Environment Day 2019: पर्यावरण और मानव जीवन (Environment and Life) के बीच एक अटूट रिश्ता है और इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती, इसलिए पर्यावरण के महत्व (Importance of Environment) से हर किसी को रूबरू कराने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यारण दिवस (World Environment Day 2019) मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा प्रकृति को समर्पित दुनियाभर में मनाया जानेवाला यह एक बड़ा उत्सव है.

दरअसल, पर्यावरण की खराब होती स्थिति के मद्देनजर  साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी के सिद्धांत को मान्य किया गया था. इसके 2 साल बाद 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था.

हर साल विश्व पर्यावरण दिवस पर एक थीम चुनी जाती है और एक देश इसकी मेजबानी करता है. साल 1974 में इसकी थीम ‘Only The Earth’ यानि ‘केवल धरती’ थी. इस साल ‘विश्व पर्यावरण दिवस 2019’ की थीम ‘Beat Air Pollution’ यानी ‘वायु प्रदूषण को हराएं’ रखी गई है और इस बार इस कार्यक्रम की मेजबानी चीन कर रहा है.  यह भी पढ़ें: World Environment Day 2019: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर स्वच्छ ग्रह के लिए शपथ ली

1- प्लास्टिक

प्लास्टिक से बने कैरी बैग के लगातार इस्तेमाल का भारी खामियाजा पर्यावरण को भुगतना पड़ रहा है. हमारे रोजमर्रा के जीवन में शायद ही कोई ऐसी चीज होगी जिसके लिए हम प्लास्टिक का इस्तेमाल न करते हों. प्लास्टिक के कैरी बैग को जब इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है तब ये उड़ते हुए खेत-खलिहान से लेकर नाले, तालाब. नदी में फैलकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. बता दें कि बायो डिग्रेडेब्ल नहीं होने के कारण प्लास्टिक बैग वातावरण में आसानी से सड़कर विखंडित नहीं हो पाते हैं, जिससे पर्यावरण को घातक नुकसान पहुंचता है.

2- वायु प्रदूषण

वाहनों की बढ़ती संख्या, कारखानों से निकलने वाला हानिकारक धुआं वातावरण में मिलकर तेजी से वायु प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं जो पर्यावरण के लिए घातक है. हवा में अधिक मात्रा में कार्बन डाय ऑक्साइड भर चुका है जिसके कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और पेड़ों की लगातार कटाई से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो रही है जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है.

3- जंगलों का सफाया

पर्यावरण और मानव जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने में पेड़-पौधे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन दुनियाभर में तेजी से जंगलों की कटाई की जा रही है, जिसका खामियाजा न सिर्फ पर्यावरण को भुगतना पड़ रहा है, बल्कि दुर्लभ प्रजाति के प्राणियों का अस्तित्व भी लुप्त होता जा रहा है और मानव जीवन पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. हैरत की बात तो यह है कि हर साल करीब 73 लाख हेक्टेयर जंगल काटे जा रहे हैं और पूरी धरती पर सिर्फ 30 फीसदी हिस्सा ही जंगलों से ढंका हुआ है.

4- मिट्टी की खराब गुणवत्ता

खेती में अधिक पैदावार के लिए लोग अत्यधिक खाद का इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण मिट्टी को तेजी से नुकसान पहुंच रहा है और इसकी गुणवत्ता खराब हो रही है. इसके अलावा अत्यधिक चराई, एक जैसी खेती और भूमि-उपयोग रूपांतपण मिट्टी की गुणवत्ता को खराब कर रहे हैं जो कि पर्यावरण के लिहाज से ठीक नहीं हैं. यूएन के अनुसार हर साल 1.2 करोड़ हेक्टेयर जमीन खराब हो रही है, जो पर्यावरण के लिए घातक है. यह भी पढ़ें: International Day of Forests 2019: क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय वन दिवस, जानिए कैसे जंगलों की लगातार घटती संख्या बन रही है पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती

5- जनसंख्या विस्फोट

दुनिया भर में तेजी बढ़ रही जनसंख्या पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. तेजी से होते जनसंख्या विस्फोट के कारण जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है और प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. बता दें कि 20वीं शताब्दी की शुरुआत में दुनिया की आबादी 1.6 अरब थी जो वर्तमान में बढ़कर 7.5 अरब हो चुकी है. एक अनुमान के अनुसार, साल 2050 तक यह आबादी 10 अरब हो जाएगी. इतनी विशाल आबादी प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ डाल रही है.

गौरतलब है कि आधुनिक दौर में विज्ञान तेजी से तरक्की कर रहा है, लेकिन इसका दुष्परिणाम पर्यावरण पर पड़ रहा है. दिन-ब-दिन बढ़ता प्रदूषण और ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या दुनिया भर के लिए चुनौती बनी हुई है. ऐसे में पर्यावरण के बचाव के लिए प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाना होगा, ताकि पर्यावरण के साथ-साथ मानव जीवन के अस्तित्व को भी बचाया जा सके.