
यूएस जियोलॉजिकल सर्विस ने अपने मॉडल से अनुमान लगाया है कि म्यांमार में मौतों का आंकड़ा 10 हजार को पार सकता है. इतना ही नहीं म्यांमार को इस आपदा से होने वाला नुकसान पिछले साल देश की जीडीपी से भी ज्यादा हो सकता है.बीते शुक्रवार को म्यांमार में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,644 हो गई है. इस आपदा में घायल हुए लोगों की संख्या 3,400 बताई जा रही है. म्यांमार की सत्ता पर काबिज सैन्य शासन ने इसे पिछली एक शताब्दी में आई सबसे बड़ी आपदा बताया है.
भूविज्ञान से जुड़ी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने वाली अमेरिकी सेवा के मुताबिक म्यांमार में इस भूकंप में मारे गए लोगों की संख्या 10,000 तक जा सकती है. एजेंसी ने यह डर भी जताया है कि इस आपदा से म्यांमार को अपनी जीडीपी से भी ज्यादा बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भूकंप के कारण म्यांमार में कई हवाई अड्डे, सड़कें और पुल तबाह हो गए हैं जिससे राहत कार्य में रुकावटें पैदा हो रही हैं.
म्यांमार के लिए भारत ने शुरू किया "ऑपरेशन ब्रह्मा"
भारत, चीन, मलेशिया, थाईलैंड समेत कई पड़ोसी देशों ने म्यांमार को आर्थिक मदद भेजी है. साथ ही कई बचाव दलों को भी रवाना किया है. भारत ने आपदा प्रभावित म्यांमार के लिए "ऑपरेशन ब्रह्मा" शुरू किया है. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक्स पर जानकारी दी कि भारत की तरफ से म्यांमार को 40 टन राहत सामग्री भेजी गई है. एनडीआरएफ की 40 और भारतीय सेना की 118 सदस्यों की फील्ड हॉस्पिटल की टीम भी बचाव कार्य के लिए रवाना हुई है. साथ ही म्यांमार की राजधानी नेप्यिदॉ के लिए नेवी के दो जहाज भी भारत की तरफ से भेजे गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी म्यांमार के सेना प्रमुख मिन आंग हलिंग से फोन पर बात की और मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने मृतकों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि इस मुश्किल घड़ी में भारत अपने पड़ोसी देश के साथ खड़ा है.
चीन ने 13.7 मिलियन डॉलर की मदद देने की घोषणा की है. साथ ही राहतकर्मियों के कई दल और राहत सामग्री से भरे 17 कार्गो ट्रक भी चीन की तरफ से भेजे गए हैं. वहीं, रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि उन्होंने कई विशेषज्ञों वाली स्वास्थ्य टीम को राहत कार्य के लिए भेजा है. इसके साथ ही हांगकांग, फिलिपींस, सिंगापुर, यूरोपीय संघ, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने म्यांमार की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है.
बचाव के लिए संसाधनों की कमी से जूझ रहा है म्यांमार
तबाह हुई इमारतों के मलबों में फंसे लोगों को बचाने का काम जारी है. हालांकि, बीतते वक्त के साथ मलबे में दबे हुए लोगों के जिंदा बचे रहने की संभावना बेहद �