
वाशिंगटन/एडन, यमन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यमन के ईरान-समर्थित हौथी विद्रोहियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू किए. ये हमले रेड सी (लाल सागर) में जहाजों पर लगातार हो रहे हमलों की प्रतिक्रिया में किए गए हैं. शुरुआती हमले में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई है. ट्रंप प्रशासन ने इस सैन्य अभियान को कई दिनों तक चलाने की योजना बनाई है.
ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह हौथी विद्रोहियों को समर्थन देना जारी रखता है तो अमेरिका उसे पूरी तरह जिम्मेदार ठहराएगा. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा, "सभी हौथी आतंकियों को चेतावनी, तुम्हारा समय समाप्त हो चुका है. यदि हमले नहीं रुके, तो तुम पर ऐसा कहर टूटेगा जैसा तुमने पहले कभी नहीं देखा!"
सना और सादा में आम नागरिकों की मौत
हौथी नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अमेरिकी हमलों में यमन की राजधानी सना में कम से कम 13 नागरिकों की मौत हो गई और 9 अन्य घायल हो गए. वहीं, उत्तरी सादा प्रांत में हुए हमले में 11 लोग मारे गए, जिनमें चार बच्चे और एक महिला शामिल हैं.
हौथी प्रशासन ने इन हमलों को "युद्ध अपराध" करार दिया है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है. हौथी राजनीतिक ब्यूरो ने बयान जारी कर कहा, "हमारी यमनी सशस्त्र सेनाएं किसी भी आक्रमण का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं."
CENTCOM operations against Iran-backed Houthis continue... pic.twitter.com/DYvc3gREN8
— U.S. Central Command (@CENTCOM) March 15, 2025
अमेरिकी हमलों का असर
यमन की राजधानी सना में रह रहे नागरिकों ने बताया कि हौथी ठिकानों पर किए गए हमलों के कारण जबरदस्त विस्फोट हुए, जिससे पूरा इलाका हिल गया. स्थानीय निवासी अब्दुल्ला याहिया ने रॉयटर्स को बताया, "धमाके इतने तेज थे कि ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो. हमारे बच्चे और महिलाएं डर के मारे कांप रहे थे."
सादा के दह्यान कस्बे में अमेरिकी हमले से एक बिजली घर को नुकसान पहुंचा, जिससे पूरे इलाके में बिजली गुल हो गई. यह इलाका हौथी नेता अब्दुल मलिक अल-हौथी का मुख्य ठिकाना माना जाता है.
CENTCOM operations against Iran-backed Houthis continue... pic.twitter.com/DYvc3gREN8
— U.S. Central Command (@CENTCOM) March 15, 2025
हौथी हमलों से अमेरिका की बढ़ती नाराजगी
हौथी विद्रोहियों ने नवंबर 2023 से अब तक लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर कई हमले किए हैं. इन हमलों से वैश्विक व्यापार बाधित हो रहा है और शिपिंग कंपनियों को अफ्रीका के दक्षिणी हिस्से से लंबा और महंगा रास्ता अपनाना पड़ रहा है.
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के अनुसार, हौथी विद्रोहियों ने 2023 से अब तक अमेरिकी युद्धपोतों पर 174 और व्यापारिक जहाजों पर 145 हमले किए हैं. हौथी समूह का कहना है कि वे ये हमले गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में कर रहे हैं.
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने अमेरिकी हमलों की निंदा करते हुए कहा कि "अमेरिका को ईरान की विदेश नीति तय करने का कोई अधिकार नहीं है." उन्होंने ट्रंप प्रशासन से अपील की कि वह इस्राइल के समर्थन में हमले बंद करे और यमनी नागरिकों की हत्या रोके.
ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका से किसी भी तरह की वार्ता करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, ट्रंप ने हाल ही में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को पत्र भेजकर वार्ता की पेशकश की थी, जिसे खारिज कर दिया गया.
रूस के साथ अमेरिकी संपर्क
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शनिवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात कर यमन में अमेरिकी हमलों की जानकारी दी. अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि रूस यूक्रेन युद्ध में ईरान द्वारा दी गई मिसाइलों और ड्रोन पर निर्भर है.
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हौथी विद्रोहियों पर किए गए यह हमले अमेरिका की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है. यह स्पष्ट है कि अमेरिका अब हौथी हमलों को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और ईरान को भी गंभीर चेतावनी दे रहा है. आने वाले दिनों में यह अभियान और तेज हो सकता है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है.