Magh Gupt Navratri 2025: कौन हैं शाकम्भरी देवी? जानें कब एवं कैसे होता है इनकी पूजा एवं अनुष्ठान इत्यादि?
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Magh Gupt Navratri 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन शाकम्भरी जयंती मनाई जाती है. इसे शाकंभरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि यह शाकम्भरी नवरात्रि का अंतिम दिन होता है, यूं तो नवरात्रि के पर्व प्रतिपदा से शुरू होकर नवें दिन तक चलता है, किंतु शाकम्भरी नवरात्रि पौष माह की अष्टमी से प्रारंभ होकर पूर्णिमा तक चलता है. इस तरह शाकंभरी नवरात्रि सात से नौ दिनों तक की हो सकती है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार माता शाकम्भरी देवी भगवती का अवतार हैं. मान्यताओं के अनुसार एक बार पृथ्वी पर भयंकर रूप से आये अकाल से उत्पन्न खाद्य संकट को दूर करने के लिए माता भगवती ने देवी शाकंभरी के रूप में अवतार लिया था. देवी शाकंभरी को सब्जियों, फलों एवं हरी पत्तियों की देवी के रूप में भी जाना जाता है. आइये जानते हैं शाकम्भरी जयंती के महत्व, मंत्र, मुहूर्त एवं पूजा अनुष्ठान इत्यादि के बारे में..

 

शाकम्भरी जयंती की पूजा विधि

शाकंभरी जयंती के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान-ध्यान करें. स्वच्छ वस्त्र धारण कर मां शाकम्भरी का ध्यान कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर इस पर माँ शाकंभरी की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करें. इन्हें गंगाजल से प्रतीकात्मक स्नान कराएं. धूप दीप प्रज्वलित करें. निम्न मंत्र का जाप करें

नीलवर्णा नीलोत्पल विलोचना।

मुष्टिं शिलीमुखा पूर्णकमलं कमलालया।।’

मां शाकम्भरी को सिंदूर, इत्र, पान, सुपारी, कमल पुष्प, रोली एवं चुनरी आदि अर्पित करें. भोग में ताजे फल एवं सब्जियां चढ़ाएं. देवी शाकम्भरी की पौराणिक कथा सुनें. अंत में देवी शाकम्भरी की आरती उतारें. गरीबों एवं जरूरतमंदों को दान दें. अंत में सभी को प्रसाद वितरित करें.

 

 

कौन हैं शाकम्भरी देवी?

माँ शाकम्भरी देवी आदिशक्ति जगदम्बा का सौम्य अवतार हैं. इन्हें शाक-सब्जियों और वनस्पतियों की देवी माना जाता है. कहीं-कहीं पर माँ शाकम्भरी को शताक्षी भी कहा जाता है. मां शाकम्भरी के प्रकाट्य स्थान हिमालय की देहरादून के निकट शिवालिक पर्वत श्रृंखला में स्थित हैं.

इन्हें हरियाली का प्रतीक भी माना जाता है. देवी कमल के फूल पर निवास करती हैं. कहीं पर इनकी चार भुजाएं तो कहीं आठ भुजाएं दर्शाई गई है. इनके हाथों में धनुष बाण. शाक-सब्जियां दिखाई देती हैं. मां शाकम्भरी के तीन शक्तिपीठों में एक सहारनपुर (मेरठ) में स्थित है. मान्यता है कि शाकम्भरी जयंती पर इनकी पूजा करने से घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती.