Maharana Pratap Jayanti 2024 Quotes: शौर्य और साहस के प्रतीक महाराणा प्रताप सिंह के प्रेरणादायक कोट्स!
महाराणा प्रताप जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

Maharana Pratap Jayanti 2024 Quotes: प्रत्येक वर्ष 09 मई को दुनिया भर में मेवाड़ के राजपूत राजा महाराणा प्रताप सिंह के सम्मान में 'महाराणा प्रताप जयंती' (Maharana Pratap Jayanti) मनाई जाती है. महाराणा प्रताप बहादुर योद्धा और महान नायक के तौर पर भारत ही नहीं अमेरिका और यूरोप तक बहुत लोकप्रिय हैं. महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था. पिता महाराणा उदय सिंह द्वितीय थे और रानी जीवंत कंवर उनकी मां थीं. महाराणा उदय सिंह द्वितीय मेवाड़ के शासक थे, जिनकी राजधानी चित्तौड़ थी. महाराणा अपने पिता के 25 संतानों में सबसे बड़े पुत्र थे, इसलिए उन्हें युवराज चुना गया. उन्हें हल्दीघाटी और डेवैर के महान युद्ध में महान योद्धा के रूप में पहचाना जाता है. यहां महाराणा प्रताप के कोट्स हैं. यह भी पढ़ें: Maharana Pratap Death Anniversary 2024 Quotes: महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर इन हिंदी Messages, WhatsApp Stickers, Photo SMS के जरिए करें उन्हें नमन

महाराणा प्रताप सिंह के कोट्स

  • कभी भी हार मत मानना, क्योंकि भविष्य में हमारी विजय हो सकती है.
  • समर आता है, असफलता के बावजूद युद्ध जारी होता है.
  • सत्य और साहस के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है.
  • धर्म के लिए जीना ही असली जीना है.
  • अगर आपको विजय प्राप्त करनी है, तो सच का पालन कीजिए और साहसी बनिए.
  • अपने उद्देश्य के लिए जीवन का हर क्षण समर्पित कीजिए.
  • सुख और सादगी से रहकर इस जीवन को बर्बाद करने से बेहतर है कि देश की सेवा की जाए.
  • जो लोग अपने काम और दुनिया के लिए काम करते हैं या संघर्ष करते हैं, उन्हें हमेशा याद किया जाता है.
  • दुनिया से बेईमानी और अन्याय को खत्म करना हर इंसान का कर्तव्य है.
  • सुख और सादगी से रहकर इस जीवन को बर्बाद करने से बेहतर है कि देश की सेवा की जाए.
  • जो लोग अपने काम और दुनिया के लिए काम करते हैं या संघर्ष करते हैं, उन्हें हमेशा याद किया जाता है.
  • दुनिया से बेईमानी और अन्याय को खत्म करना हर इंसान का कर्तव्य है.
  • समय अपनी विरासत एक शक्तिशाली और साहसी व्यक्ति को देता है, इसलिए अपने रास्ते पर दृढ़ रहें. यह भी पढ़ें: Death Anniversary of Maharana Pratap 2024: कब और किस हालात में हुई थी महाराणा प्रताप की मृत्यु?

मुगल साम्राज्य के विस्तारवाद के विरुद्ध उनके सैन्य प्रतिरोध के लिए उन्हें मेवाड़ी राणा करार दिया गया. साल 1572 से 1597 यानी मृत्युपर्यंत मेवाड़ में सिसोदिया का शासन था. 19 जनवरी 1597 में 56 वर्ष की आयु में चावंड में महाराणा प्रताप का निधन हो गया. महाराणा प्रताप, भारतीय इतिहास में एक महान राजा थे, जिनकी वीरता और साहस की कहानी लोगों को अभिमान और प्रेरणा देती है.