Eid Milad Un Nabi Mehndi Design: ईद मिलाद उन नबी पर अपने हाथों में लगाएं ये खूबसूरत मेहंदी डिजाइन- देखें वीडियो
Jashne Eid Milad Un Nabi Mehndi Design (Photo Credits: File Image)

Jashne Eid Milad Un Nabi: पैगम्बर मुहम्मद का जन्मदिन, या मिलाद-उन-नबी (Eid Milad Un Nabi 2024) जैसा कि मुस्लिम संस्कृति में आम तौर पर जाना जाता है, अधिकांश मुस्लिम देशों और भारत में भी मनाया जाता है. यह दिन पैगम्बर मुहम्मद के जन्म की याद में मनाया जाता है. यह इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने में मनाया जाता है. इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, शिया इसे महीने की 17 तारीख को मनाते हैं, जबकि सुन्नी इसे महीने की 12 तारीख को मनाते हैं. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार इस त्यौहार की तारीख अलग-अलग होती है. यह भी पढ़ें: Simple Mehndi Designs 2024 Photos: फेस्टिव सीजन में हथेलियों की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं ये सिंपल मेहंदी डिजाइन्स, देखें तस्वीरें

मिलाद उन नबी या मालविद दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. पाकिस्तान में, इसे राष्ट्रीय स्मारकों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ मनाया जाता है और उसके बाद भोर में बंदूकों की सलामी दी जाती है. दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में, यह त्यौहार बड़े जुलूसों और कार्निवल जैसे माहौल के साथ मनाया जाता है. इस दिन सौहार्द का माहौल होता है और लोगों को उपहारों का आदान-प्रदान करते और गरीबों को भोजन वितरित करते देखा जा सकता है. इस दिन मस्जिदों में हज़ारों लोग नमाज़ अदा करते हैं और मस्जिदों को रोशनी से सजाया जाता है. ज़्यादातर मुस्लिम देशों में यह सार्वजनिक अवकाश होता है.

इस दिन महिलाएं सज-धजकर नए कपड़े पहनती हैं, हाथों में मेहंदी रचाती हैं. इसलिए इस ख़ास दिन के लिए हम ले आये हैं कुछ ख़ास ईद स्पेशल मेहंदी डिजाइन. जिन्हें आप अपने हाथों में रचाकर अपने त्योहार में चार चांद लगा सकते हैं.

ईद स्पेशल मेहंदी डिजाइन:

ईद मुबारक मेहंदी डिजाइन:

ईद मिलाद उन नबी मेहंदी डिजाइन 2024:

चांद रात मेहंदी डिजाइन:

रबी उल अव्वल मेहंदी डिजाइन:

2024 में ईद मिलाद उन नबी 16 सितंबर को मनाई जाएगी. भारत में यह एक राजपत्रित अवकाश है और दुनिया भर के मुसलमान इसे बेहद खुशी और श्रद्धा के साथ मनाते हैं. ईद मिलाद उन नबी की शुरुआत रबी अल-अव्वल की 12 तारीख से हुई है, जो शुरू में 632 ई. में पैगंबर मुहम्मद के निधन को चिह्नित करने के लिए शोक का दिन था.