Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से आई ताबाही के बाद से ही युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) चलाया जा रहा है. अब तक अलग-अलग स्थानों से 35 शव बरामद किये जा चुके हैं. इसमें से दस लोगों की ही पहचान हो पाई है. वहीं अभी भी 204 लोग लापता बताए जा रहे हैं. जिन्हें ढूंढने के लिए लगातर मलबा हटाया जा रहा है. लेकिन इस बीच जो खबर है उसके अनुसार ऋषिगंगा नदी (Rishiganga River) का जलस्तर बढ़ने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल रोक दिया गया है.
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) की तरफ से जो जानकारी दी गई है. उसके अनुसार ऋषिगंगा नदी जलस्तर बढ़ने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन का काम रोक दिया गया. इसके साथ ही आस- पास के रहने वाले लोगों को वहां से खाली करवाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम भी टनल से बाहर निकल गई है. भारी-भारी मशीनें जिनके पानी में बहने की आशंका थी उनको भी बाहर निकाला गया है. यह भी पढ़े: Uttarakhand Glacier Burst: 1991 के भूकंप से 2013 के केदारनाथ बाढ़ तक, डालें देवभूमि पर आयी प्राकृतिक आपदाओं पर एक नजर
अब तक 35 शव बरामद:
Uttarakhand Governor Baby Rani Maurya visited the tunnel rescue site in Chamoli district, today. She met ITBP officials to take stock of the ongoing rescue operation. pic.twitter.com/ByDkllBDj8
— ANI (@ANI) February 11, 2021
रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया:
Rescue operation temporarily halted in Chamoli district due to a rise in the level of water in Rishiganga river. Orders have been given to vacate the areas downstream: Ashok Kumar, DGP Uttarakhand to ANI
(File pic) pic.twitter.com/SBngp1Xy3G
— ANI (@ANI) February 11, 2021
वहीं चमोली हादसे के दिन से ही अधिकारियों के साथ ही नेताओं का दौरान लगातार जारी हैं. उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने चमोली ज़िले के तपोवन का दौरा किया. राज्यपाल ने कहा, “हम लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं. यह प्राकृतिक आपदा है जो किसी के वश में नहीं है. ईश्वर से प्रार्थना है कि अंदर फंसे लोग जल्दी बाहर आएं.”