पुणे: भारत में पहली बार एक COVID-19 मरीज की आंत का ट्रांसप्लांट किया गया. 10 साल के एक बच्चे का पुणे (Pune) के जुपिटर हॉस्पिटल (Jupiter Hospital) में आंत का ट्रांसप्लांट किया गया. कोरोना संक्रमण की वजह से होने वाली एक दुर्लभ समस्या के तहत 10 साल के ओम घुले की छोटी आंत (Small Intestine) में सड़न हो गई. आंत पूरी तरह सड़ जाने के बाद बच्चे के पिता डोनर बने और उनकी छोटी आंत का 200 सेंटीमीटर हिस्सा बच्चे में ट्रांसप्लांट किया गया. बच्चे की हालत अब काफी बेहतर है.
ओम का उपचार तीन महीने की अवधि में किया गया. ओम और उनके पिता संतोष को हल्के लक्षणों के साथ जुलाई में इस बीमारी का पता चला था. संतोष इस से एक महीने के भीतर ठीक हो गए, लेकिन ओम ने अपने पेट में तेज दर्द का अनुभव किया. ओम को पनवेल के एक अस्पताल में रेफर किया गया था, जहां उन्हें 8 से 28 अगस्त तक भर्ती कराया गया था. इस दौरान डॉक्टरों ने उसकी छोटी आंत में एक क्लॉट और गैंग्रीन पता लगाया. इसके बाद इसे हटाने के लिए एक सर्जरी की गई थी. ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के नतीजे की सफलता पर अदार पूनावाला उत्साहित, बोले- जल्द सभी के लिए उपबल्ध होगा टीका.
इसके बाद 10 साल के बच्चे को छोटी आंत के ट्रांसप्लांट के लिए ठाणे के जुपिटर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ओम की जिंदगी बचाने में पिता संतोष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने ट्रांसप्लांट के लिए अपनी छोटी आंत का 200 सेमी डोनेट करने का फैसला किया. ओम को 4 नवंबर तक ठाणे जुपिटर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मेडिकल टीम अस्पताल ट्रांसप्लांट के लिए लाइसेंस का इंतजार कर रही थी. इसके बाद उन्होंने आखिरकार बच्चे को अपनी पुणे ब्रांच में भेज दिया, जिसे ट्रांसप्लांट करने के लिए लाइसेंस दिया गया था.
पुणे के जुपिटर हॉस्पिटल में ओम का इलाज पूरा हुआ. ऑर्गन ट्रांसप्लांट में कुल 15 घंटे लगे, स्पेशल डॉक्टर्स की टीम को संतोष के शरीर से 200 सेमी आंत को निकालने के लिए पांच घंटे और ओम के शरीर में इसे ट्रांसप्लांट करने में 10 घंटे की लगे. ट्रांसप्लांट के बाद अब ओम ने 100 दिनों के बाद सामान्य भोजन फिर से शुरू किया. इस सफल ट्रांसप्लांट का श्रेय डॉक्टरों की टीम को जाता है जिन्होंने बच्चे और पिता का इलाज किया. डॉक्टर्स के अनुसार इस केस से कोरोना के कारक SARS-CoV-2 की गंभीरता का पता चला है.