मुंबई : महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग (Maharashtra State Commission for Woman) द्वारा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए 21 दिनों के आषाढ़ी एकादशी वारी (तीर्थयात्रा) मुहिम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की है. एमएससीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहटकर को लिखे एक पत्र में मोदी ने कहा कि उन्हें 'वारी नारी शक्ति' पहल के बारे में जानकर खुशी हुई, जो आधुनिक समाज के समय की जरूरत है.
21 दिनों की तीर्थयात्रा जून अंत में शुरू होती है. इसमें राज्य के विभिन्न भागों से दस लाख से ज्यादा भक्त पैदल जुलूस निकालते हैं. इसमें खास तौर से देहू व अलंदी होते हैं. इनका करीब 250 किमी लंबे मार्ग पर ग्रामीण लोगों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है. राह में भक्त भगवान विठोबा व अन्य संतों की महिमा का गान करते हैं और यह जुलूस पंढरपुर, सोलापुर में आषाढ़ी एकादशी के दिन समाप्त होता है, जो इस बार शुक्रवार (12 जुलाई) को पड़ रहा है.
इस तीर्थयात्रा को सात सदी से ज्यादा पुराना माना जाता है. यह ब्रिटेन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस में शमिल है. इस तीर्थयात्रा के दौरान एमएससीडब्ल्यू ने प्रसिद्ध पालकी जुलूस के दौरान 'वारी नारी शक्ति' कार्यक्रम का आयोजन किया है.
इस पालकी जुलूस में चित्र रथ से सरकार की महिलाओं के सशक्तीकरण की योजनाओं व आर्थिक उत्थान के साथ महिलाओं के लिए कानून, स्वास्थ्य व स्वच्छता की जागरूकता की जानकारी दी जा रही है. एमएससीडब्ल्यू के प्रयासों को स्वीकार करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार का दृढ़ता के साथ मानना है कि 'विकास महिलाओं द्वारा संचालित है.'
मोदी ने अपने पत्र में लिखा है, "हमने लड़कियों के प्रति सामाजिक रवैए में बदलाव लाने के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' पहल शुरू की. हमने लड़कियों की वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की.
हमारी महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए हमने मिशन इंद्रधनुष, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान योजनाओं को भी लागू किया है." उन्होंने कहा कि ये पहल सरकार के 'न्यू इंडिया' के दृष्टिकोण और राष्ट्र में महिलाओं का अधिकतम योगदान सुनिश्चित करने के समान अवसर प्रदान करने के प्रयासों को दिखाता है.