मुंबई: बीजेपी विरोधी गठबंधन में शामिल होने के लिये भारिप बहुजन महासंघ (Bharipa Bahujan Mahasangh) के नेता प्रकाश आंबेडकर को मनाने का प्रयास कर रही है. हालांकि महाराष्ट्र कांग्रेस ने कहा है कि उसे आंबेडकर के रवैये से निराशा है क्योंकि वह कोई लचीला रुख नहीं दिखा रहे हैं और गठबंधन का हिस्सा बनने के भी इच्छुक नहीं दिख रहे हैं. कांग्रेस ने कहा कि आंबेडकर इस बात पर अड़े हुए हैं कि आरएसएस को संवैधानिक ढांचे में लाने के लिये पार्टी लिखित में एक कार्ययोजना लाये.
कांग्रेस (Congress) और राकांपा ने इससे पहले कहा था कि वे आंबेडकर को चार सीटें देने को तैयार हैं. हालांकि राकांपा ने 12 लोकसभा सीटों के लिये उम्मीदवारों की घोषणा की है. दिलचस्प है कि डॉ. बी. आर. आंबेडकर (B. R. Ambedkar) के पौत्र एवं दलित नेता ने खुद अकोला से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है. इससे पहले वह इसी सीट से जनप्रतिनिधि रहे हैं. कांग्रेस ने शुक्रवार को इस बात पर हैरानी जतायी कि उन्होंने अब तक अकोला से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है.
कांग्रेस के एक सूत्र ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हम सहमत हैं कि एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम होना चाहिए. लेकिन आंबेडकर का यह रुख कि सरकार में आरएसएस द्वारा चलाये जा रहे समानांतर शासन को कैसे रोका जाये इस पर लिखित में कार्य योजना लायी जाये, हास्यास्पद है.’’ सूत्र ने बताया, ‘‘ऐसा अनुमान है कि वह अकोला सीट से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, जहां उन्होंने तीसरा कार्यकाल पूरा किया.’’
पीटीआई-भाषा से आंबेडकर ने कहा कि उन्होंने 12 संसदीय क्षेत्रों बुलढाणा, नांदेड़, यवतमाल, माधा, अमरावती, लातूर, सतारा, सांगली, बारामती, पुणे, हटकनगले और नासिक में उम्मीदवारों की घोषणा की है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 12 सीटें मांगी थीं जहां कांग्रेस के पास उतारने के लिए उम्मीदवार नहीं हों या जहां वह लगातार हार रही हो. सीटों की संख्या कोई विषय नहीं है. हम चाहते हैं कि आरएसएस को संवैधानिक ढांचे के अंदर लाने के संबंध में कांग्रेस एक कार्य योजना लाये.
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अगर इस पर कोई चर्चा नहीं होती है तो हम कांग्रेस के साथ नहीं जाने वाले हैं.’’ प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने कहा कि आंबेडकर की 12 सीटों की मांग के बदले उन्हें चार सीटों की पेशकश की गयी थी. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक आरएसएस को प्रतिबंधित करने से संबंधित उनकी अन्य मांग की बात है तो कांग्रेस इसका समर्थन करती है. हमलोग भी इस विचारधारा के खिलाफ हैं. अब यह जवाब देने की बारी आंबेडकर की है.’’
इस बीच लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पार्टी द्वारा अगले सप्ताह से शुरू करने की संभावना है. पार्टी सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सूची की घोषणा बाद में होगी. उन्होंने बताया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच बुधवार की बैठक का उद्देश्य संयुक्त चुनाव प्रचार के मुद्दे पर चर्चा करना था. इसके अनुसार दोनों पार्टियां नांदेड़ में संयुक्त रैली करेंगी और बाद में अगले सप्ताह पारली (बीड जिले में) रैली होगी.